नई दिल्ली।लेफ्टिनेंट कर्नल भरत पन्नू ने अपना तीसरा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। नया रिकॉर्ड बनाने के लिये उन्होंने देश में गुजरात से अरुणाचल प्रदेश तक 9 दिन, 7 घंटे और 5 मिनट में सबसे दुर्गम क्षेत्रों में से एक को कवर करते हुए 3800 किलोमीटर की असाधारण दूरी साइकल से तय की है। यह 1971 भारत-पाक युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों की जीत की 50वीं वर्षगांठ के उत्सवों का हिस्सा था। अपना कर्तव्य निभाते हुए अपनी जान न्यौछावर कर देने वाले भारतीय सैनिकों के सम्मान में यह साल ‘स्वर्णिम विजय वर्ष’ के रूप में मनाया जा रहा है।
लेफ्टिनेंट कर्नल भरत पन्नू एआईटी पुणे से ग्रेजुएट और भारतीय सेना में सेवारत इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मेकैनिकल इंजिनियर (ईएमई) हैं। उन्हें साइकलिंग का जुनून है और उन्होंने सबसे तेज सोलो साइक्लिंग के लिये लगातार दो विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं। अल्ट्रा– साइक्लिंग इवेंट में अपने इस तीसरे प्रयास के लिये वे इस साल भारतीय सेना से जुड़ गये, ताकि 1971 की पाक पर विजय को यादगार बना सकें और उन्होंने केवल 9 दिनों में पश्चिम से लेकर पूर्वी भारत की 3800 किलोमीटर की यात्रा साइकल पर तय की।
‘स्वर्णिम विजय वर्ष’ उत्सव में सुरक्षा बल और मंत्री भाग ले रहे हैं और इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा बड़े पैमाने पर लोगों की खास सहभागिता है। इसका मुख्य उद्देश्य है देश के युवाओं को प्रेरित करना और उन सैनिकों पर गर्व करना सिखाना, जो देश के लिये अपनी जान कुर्बान कर देते हैं। साथ ही उन्हें साहस और बलिदान के कृत्यों पर शिक्षित करना भी इसका उद्देश्य है। यह देश की संप्रभुता की सुरक्षा में भारतीय सैनिकों की धरोहर, उपलब्धियाँ, संघर्ष, निस्वार्थ बलिदान और समर्पण दिखाता है। साथ ही 1971 की जीत, बांग्लादेश की आजादी और भारतीय सशस्त्र बलों के प्रयासों का उत्सव मनाता है।
उड़चलो एक कंज्यूमर टेक्नोलॉजी कंपनी है, जो हमेशा सशस्त्र बलों के साथ खड़ी रही है और अपने एकमात्र लक्ष्य ‘सर्विंग द सर्विसेज’ के साथ अस्तित्व में है। कंपनी ने इस प्रयास को सहयोग दिया है और उपलब्धि अर्जित करने के लिये लेफ्टिनेंट कर्नल भरत पन्नू को जरूरी सामग्री प्रदान की है।
इस रिकॉर्ड पर अपनी बात रखते हुए, उड़चलो के सीईओ रवि कुमार ने कहा, “हम लेफ्टिनेंट कर्नल भरत पन्नू के साथ जुड़कर सम्मानित महसूस कर रहे हैं। लगन और स्थायी दृढ़ता के साथ साहस के मिलने से और इन सब के उपलब्धि पर केन्द्रित होने से काम तय समय पर पूरा हुआ और वांछित सफलता मिली। इसके साथ ही यह उन लक्ष्यों का पीछा करने में पलटाव, महत्वाकांक्षा और आत्म–नियंत्रण का प्रमाण है, जिनके लिये अपेक्षित परिणाम अर्जित करने में महीनों और सालों तक कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। हम उनके जुनून को सलाम करते हैं और यह गुण हमारे मिशन तथा मूल्यों से पक्का मेल खाते हैं।”
रिकॉर्ड पूरा करने पर लेफ्टिनेंट कर्नल पन्नू ने कहा, “साइक्लिंग आजादी देती है, वह आत्मा के लिये अमृत है। मैं सशस्त्र बलों और भारतीय सेना का हिस्सा बनकर गर्व महसूस कर रहा हूँ, जिन्होंने मुझे हमेशा आगे बढ़ने और जो नहीं हो सके, वह करने के लिये प्रेरित किया है। इस प्रकार मुझे गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में आने का रास्ता मिला। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिये केवल प्रतिबद्धता ही नहीं चाहिये, बल्कि आपका स्मार्ट होना और जीत के लिये स्पष्ट रणनीति रखना भी जरूरी है।‘’
साइकल से इस सफर की शुरूआत 17 अक्टूबर, 2021 को 00:17 बजे कोटेश्वर, गुजरात से हुई थी और यह किबिथू, अरुणाचल प्रदेश में 26 अक्टूबर, 2021 को 14:18 बजे संपन्न हुआ। क्रू और टीम ने जयपुर, आगरा, लखनऊ, गोरखपुर, सिलिगुड़ी और तेजपुर में युवाओं से बात की। मौसम की खराब स्थिति और मानवीय स्थितियों, जैसे ट्रैफिक, रोडब्लॉक्स, का इस सफर पर कोई असर नहीं हुआ और रास्तेभर देश के युवाओं को अच्छा संदेश मिला। टीम में 6 सदस्य, एक न्यूट्रीशनिस्ट, नैविगेटर, बाइक मेकैनिक और फिजियोथेरैपिस्ट शामिल थे।