अजब है मध्य प्रदेश, लोगों ने लूट लिए ऑक्सीजन सिलेंडर

मध्य प्रदेश में सरकारी स्तर पर लोगों को सुविधा उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में दामोह में लोगों ने जब ऑक्सीजन सिलेंडर ही लूट ली, तो कई प्रकार के सवाल उठ रहे हैं।

भोपाल। कोरोना की दूसरी लहर में यदि सबसे अधिक किसी चीज को लेकर सबसे अधिक चर्चा हो रही है, तो वह है कि ऑक्सीजन (Oxygen)। पूरे देश में ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। जहां कोरोना (COVID19) के अधिक संक्रमित मरीज हैं, उन्हें इस बार ऑक्सीजन (Oxygen) की जरूरत पड रही है। ऐसे में सरकार दिन-रात इसकी उपलब्धता में लगी हुई।

इसी बीच मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के दामोह (Damoh) से खबर है कि लोगों ने दमोह के ज़िला अस्पताल से कल रात लोगों ने ऑक्सीजन सिलेंडर लूटे। ज़िला कलेक्टर ने बताया, “जैसे ही ऑक्सीजन सिलेंडर का ट्रक आया कुछ लोगों ने ऑक्सीजन सिलेंडर (Oxygen Cylinder) उठाकर अपने मरीज़ों के पास जाकर रख दिए। ऐसे लोगों की पहचान करके उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जा रहा है।”

बता दें कि भारत में पिछले 24 घंटे में #COVID19 के 2,95,041 नए मामले आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 1,56,16,130 हुई। 2,023 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 1,82,553 हो गई है। देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 21,57,538 है और डिस्चार्ज हुए मामलों की कुल संख्या 1,32,76,039 है।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान (Shivraj Singh Chouhan) लगातार जनता को संयमित रहने के लिए कह रहे हैं। उनका कहना है कि मध्यप्रदेश के पॉजिटिविटी रेट में कमी आयी है। कल यह 25.3% थी, जो आज 24.8% हुई है। केन्द्र सरकार के कार्यालयों से आग्रह किया गया है कि 10% उपस्थिति के साथ कार्य करें। आज #COVID19 संक्रमण की रोकथाम और व्यवस्थाओं के संबंध में कोर ग्रुप की बैठक की। मुख्यमंत्री शिवराह सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने अपने संबोधन के माध्यम से हम सभी देशवासियों के मन में मौजूदा विकट परिस्थिति में एक नई ऊर्जा और उत्साह का संचार किया है। प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में सारा भारत #COVID19 के विरुद्ध एक प्रभावी लड़ाई लड़ रहा है।

राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन (Oxygen) की किल्लत थी। लेकिन, मंगलवार रात से इसकी आपूर्ति शुरू हो गई है। लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल(LNJP) में कल रात 10 टन ऑक्सीजन की सप्लाई की गई। यह सप्लाई मौजूदा स्थिति के लिए पर्याप्त हैः