चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने बयान जारी कर किसानों के मुद्दे पर खट्टर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों के साथ लगातार धोखा करती आ रही है। लेकिन मीडिया की सुर्खियां बटोरने के लिए सरकार लगातार कहती रही कि हम किसानों को तुरंत मुआवजा दे रहे हैं। जबकि विधानसभा में सरकार द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक भारी बारिश और बाढ़ से खराब फसलों की मुआवजा राशि 5 महीने बाद गुरुवार को जारी की गई और वह भी आधी अधूरी जारी की गई। यह दिखाता है कि सरकार किसानों को लेकर कितनी गंभीर है।
उन्होंने कहा आंकड़े बताते हैं कि 1.4 लाख किसानों ने मुआवजा मांगा था, लेकिन सिर्फ 29,438 किसानों को केवल 31 करोड़ रुपए जारी किया गया। उन्होंने कहा कि लगभग 6.87 लाख एकड़ फसल खराब हुई, लेकिन सरकार ने अभी 99,039 एकड़ फसल ही खराब मानी है। इससे साबित होता है कि सरकार के किसान को मुआवजा देने के सारे दावे खोखले निकले। हरियाणा में किसानों के साथ लगातार धोखा हो रहा है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा के किसान लगातार धरने प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। भाजपा सरकार किसान विरोधी सरकार है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों पर आज तक एक शोक प्रस्ताव भी पास नहीं किया। बल्कि उल्टा कृषि मंत्री किसान नेताओं और उनके परिवारों पर अभद्र टिप्पणी करते हैं।
उन्होंने कहा कि एक लाख हेक्टेयर फसल कीड़ा लगने से बर्बाद हो गई, लाखों एकड़ फसल मौसम से बर्बाद हो गई, लाखों एकड़ फसल और खेत रेती से बर्बाद हो गए। वहीं लाखों एकड़ फसल बाढ़ से बर्बाद हो गई लेकिन सरकार ने किसानों की कोई मदद नहीं की। भाजपा सरकार ने किसानों को केवल पोर्टल में उलझाए रखा, वह पोर्टल जो कभी चलते ही नहीं हैं। तैयार फसल जब किसान मंडियों में बेचने के लिए जाते हैं तो वो मंडियों की बदइंतजामी की भेंट चढ़ जाती है।
उन्होंने कहा कि आंकड़ों के अनुसार 7 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा फसल खुले में पड़ी होने और भीगने की वजह से मंडियों में खराब हुई है। किसान अपनी फसल ले लेकर घूम रहा है और उसको सही दाम नहीं मिल रहा। इसके अलावा खाद के लिए 6 घंटे लाइन में लगकर एक बुजुर्ग की मृत्यु हो गई। यह बताने के लिए काफी है कि यह सरकार किस तरह से किसानों को कुचल रही है।
उन्होंने कहा कि मौसम विभाग ने बार-बार चेतावनी दी थी फिर भी सरकार ने कोई इंतजाम नहीं किया और अंत में वही हुआ जो हर साल होता है। सरकार की खराब नीतियों का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। भाजपा सरकार के राज में हरियाणा के किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं।