Morbi Bridge Collapse : गुजरात पुल हादसे में मरने वालों की संख्या हुई सौ के पार

राजकोट फायर ब्रिगेड ने 6 नाव, 6 एम्बुलेंस, 2 बचाव वैन, 60 जवान तैनात किए। बड़ौदा, अहमदाबाद, गोंडल, जामनगर, कच्छ से कुल 20 बचाव नौकाएं रेस्कयू का काम कर रही हैं। 12 फायर टेंडर, बचाव वैन, 15 से ज्यादा एम्बुलेंस यहां हैं।


गांधीनगर।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल आज सुबह मोरबी में कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। उन्होंने तलाशी अभियान, राहत-बचाव अभियान, घायलों के इलाज सहित सभी मामलों की जानकारी ली और मोरबी में केबल ब्रिज गिरने की घटना में व्यवस्था को लेकर आवश्यक निर्देश दिए।

आंकड़े बताते हैं कि हादसे के वक्त करीब 500 लोग इसपर सवार थे। अब तक 132 लोगों की मौत हो चुकी है। फिलहाल, सवाल उठ रहा है कि 7 महीनें पहले रिनोवेशन के लिए बंद हुए पुल को बगैर फिटनेस सर्टिफिकेट के क्यों खोला गया? हालांकि, खबर है कि कंपनी के खिलाफ FIR दर्ज कर की गई है। Indian Express के अनुसार, मोरबी नगरपालिका के मुख्य अधिकारी संदीपसिंह जाला ने कहा, ‘पुल मोरबी नगरपालिका की संपत्ति है, लेकिन हमने 15 सालों तक रखरखाव और संचालन के लिए इसे कुछ महीनों पहले ओरेवा ग्रुप को सौंपा था। हालांकि, निजी कंपनी ने हमें जानकारी दिए पुल आने वालों के लिए खोल दिया था। इसके चलते हम पुल का सेफ्टी ऑडिट नहीं करा सके।’ उन्होंने बताया, ‘रिनोवेशन के काम के बाद इसे जनता के लिए खोल दिया गया था लेकिन स्थानीय नगरपालिका ने अब तक कोई फिटनेस सर्टिफिकेट जारी नहीं किया था।’ मच्छु नदी पर इस पुल का निर्माण 19वीं सदी में किया गया था। घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों को 6-6 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया गया है।

मोरबी में केबल ब्रिज गिरने की घटना पर गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि अब तक कुल 132 लोगों की मृत्यु इस हादसे में हुई है। नेवी,NDRF, वायुसेना और सेना तेजी से पहुंच गई, पूरी रात (खोज और बचाव कार्यों के लिए) 200 से अधिक लोगों ने काम किया है।

मोहसिन शाहिदी, DIG ऑपरेशन,NDRF का कहना है कि 132 शवों को रिकवर किया गया है। 2 लोगों के लापता होने की सूचना है। NDRF की 5 टीमों को तैनात किया गया है। 2 लापता लोगों के मिल जाने के बाद संभवतः सर्च ऑपरेशन बंद किया जाएगा। कल वहां के लोगों और प्रशासन ने 170 से ज्यादा लोगों को बचाया।

अरुण महेश बाबू, राजकोट जिला कलेक्टर का कहना है कि SDRF की 2 टीमें यहां आई हैं, एक NDRF की स्थानीय टीम और दूसरी टीम बड़ौदा से आई है। सेना, वायु सेना, अग्निशमन विभाग और नगर पालिका की टीमें भी यहां मौजूद हैं। सभी ने साथ मिलकर काम किया है।

वी.वी.एन. प्रसन्ना कुमार, NDRF कमांडेंट, गुजरात ने कहा कि पानी गंदा होने की वजह से जब पानी के अंदर सर्च करते हैं तो विजिबिलिटी की दिक्कत होती है। झूले के गिरने के कारण वहां कुछ लोगों के दबे होने की आशंका है, उसके मलबे को निकालकर वहां भी सर्च करेंगे।