नई दिल्ली। करीब तीस साल पुराने एक मामले में पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने एक साल कैद की सजा सुनाई है। इस मसले पर जब सिद्धू से मीडिया ने बात करनी चाहिए और उनका प्रतिक्रिया पूछा, तो उन्होंने साफ तौर पर इंकार कर दिया है। उन्होंने केवल इतना ही कहा – नो कमेंट्स।
बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू को 1988 के ‘रोड रेज’ मामले में बृहस्पतिवार को एक साल की सजा सुनाई। न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति एस के कौल की पीठ ने सिद्धू को दी गई सजा के मुद्दे पर पीड़ित परिवार द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका को स्वीकार कर लिया। हालांकि शीर्ष अदालत ने मई 2018 में सिद्धू को मामले में 65 वर्षीय व्यक्ति को “जानबूझकर चोट पहुंचाने” के अपराध का दोषी ठहराया था, लेकिन 1,000 रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी मिलते ही पंजाब पुलिस सिद्धू को अपनी कस्टडी में ले लेगी। ये घटना 27 दिसंबर 1988 के शाम की है। उस दौरान सिद्धू क्रिकेटर हुआ करते थे और वो अपने दोस्त रूपिंदर सिंह संधू के साथ पटियाला के शेरावाले गेट की मार्केट में गए थे। वहां पर पार्किंग में उनकी एक 65 साल के बुजुर्ग गुरनाम सिंह से कहासुनी हो गई। इस दौरान सिद्धू ने उन्हें घुटने से मारकर गिरा दिया। आनन-फानन में उनको अस्पताल पहुंचाया गया, जहां पर हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई।