नई दिल्ली। बिहार की राजनीति में वही हुआ, जिसका अंदेशा था। दिल्ली में आज जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अहम बैठक हुई। इस दौरान ललन सिंह ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद ललन ने नीतीश के नाम का प्रस्ताव रखा, औपचारिक एलान शाम 5 बजे किया जाएगा। जेडीयू नेता श्रवण कुमार ने कहा कि ललन सिंह ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है क्योंकि उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ना है, जिसके लिए उन्हें समय नहीं मिल पाता है। इसे ध्यान में रखते हुए उन्होंने इस्तीफा दे दिया है और नीतीश कुमार का नाम (पार्टी अध्यक्ष के लिए) प्रस्तावित किया है और सीएम ने इसे स्वीकार कर लिया है।
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए लोकजशक्ति पार्टी रामबिलास के अध्यक्ष व सांसद चिराग पासवान ने कहा कि जो कभी दूसरे के घर को तोड़ने और अध्यक्ष पद से हटाने के लिए साजिश किए आज वो स्वयं साजिश के शिकार हो गए। ललन बाबू कहावत है ना की कर्म लौट कर आता है, आज कुछ वैसा ही आपके साथ भी हो रहा है। मैं आपकी व्यथा को समझ सकता हूं।
आप भी आज नीतीश कुमार जी के महत्वकांक्षा का शिकार हो गए। इससे पहले भी जदयू के कई राष्ट्रीय अध्यक्षों को नीतीश जी ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया है। उनको अपने नेताओं के बढ़ते कद से ही सबसे ज्यादा परेशानी होती है। जनता दल यूनाइटेड में गुटबाजी अब इस कदर बढ़ गई है कि यह मतभेद और अंतरकलह पार्टी का अस्तित्व खत्म करके ही मानेगी। आने वाले चुनाव में जदयू का कोई नाम लेने वाला भी नहीं रह जाएगा।
जनता दल यूनाइटेड के भीतर उथल-पुथल की खबरों पर बिहार भाजपा प्रमुख सम्राट चौधरी ने कहा कि यह जदयू का आंतरिक मामला है, भाजपा का इससे कोई लेना-देना नहीं है। भले ही जदयू और राजद मिलकर भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ें, हम दोनों को हराने के लिए तैयार हैं