मुंबई। महामारी के बाद यात्रा प्रतिबंध उठाए जाने के साथ, हवाई अड्डों पर हवाई यातायात और एयर स्पेस की भीड़ में काफी वृद्धि देखी गई है। मुंबई हवाई अड्डा देश का सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में से एक है इसलिए इसके रनवे पर भीड़भाड़ रहती है और रनवे की क्षमता निर्धारित क्षमता से अधिक हो जाती है। फलस्वरूप एयर स्पेस में भीड़-भाड़ होती है और उड़ानों को लगभग 40-60 मिनट की लंबी अवधि के लिए शहर के ऊपर मंडराने के लिए बाध्य होना पड़ता है।
यह देखते हुए कि एक विमान औसतन प्रति घंटे 2000 किलोग्राम ईंधन की खपत करता है, इस तरह की लंबी अवधि के चक्कर लगाने का समय विमानों के लिए ईंधन की महत्वपूर्ण बर्बादी का कारण बनता है, जो 1.7 किलोलीटर जेट ईंधन (लगभग 1.8 लाख रुपये की लागत) से लेकर 40 मिनट के चक्कर के समय के लिए हवा में लगभग 2.5 किलोलीटर जेट ईंधन (लगभग 2.6 लाख रुपये की लागत) तक 60 मिनट के चक्कर के समय के लिए होता है। ईंधन लागत में ऐसी वृद्धि अंततः उपभोक्ताओं द्वारा वहन की जाएगी। इसका हवाईअड्डा की संचालन दक्षता पर भी व्यापक प्रभाव पड़ता है जिससे प्रतिक्षा-समय अधिक हो जाता है, अत्यधिक विलंब होता है। इसका दुष्प्रभाव यात्रियों और एयरलाइनों दोनों पर पड़ता है।
हवाई क्षेत्र की इस तरह की भीड़भाड़ को दूर करने के लिए, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा एक विश्लेषण किया गया। इस विश्लेषण में पाया गया कि उच्च तीव्रता वाले रनवे संचालन के 6 घंटे (एचआईआरओ अर्थात 0800 बजे से 1100 बजे और 1700 से 2000 बजे तक) के दौरान प्रति घंटे मंजूर हवाई यातायात दिन के शेष 18 घंटों में प्रति घंटे स्वीकृत हवाई यातायात के लगभग बराबर था। उपरोक्त स्लॉट के अतिरिक्त जनरल एविएशन और सैन्य विमान संचालन को भी बिना किसी प्रतिबंध के अनुमति दी गई थी। इसके अतिरिक्त, रनवे तिरछा होने के कारण गैर- निर्धारित उड़ानों के प्रचालन से व्यस्ततम घंटों के दौरान विमान यातायात भीड़ और बढ़ जाती है।
यद्धपि मुंबई हवाई अड्डा अपनी पूरी क्षमता के साथ काम कर रहा है यह पाया गया कि लगातार भीड़-भाड़ (i) एयरपोर्ट ऑपरेटर की ओर से सीमित समय मार्जिन के साथ अत्यधिक स्लॉट वितरण, (ii) एयरलाइनों की ओर से स्लॉट का पालन न करना, और (iii) व्यस्ततम घंटों के दौरान गैर-निर्धारित संचालन के कारण हुई। एयरपोर्ट ऑपरेटर स्लॉट प्रदाता तथा एयरलाइनों का स्लॉट प्रबंधक होता है। इस नाते एयरपोर्ट ऑपरेटर को इस समस्या का समाधान करने के लिए विमान यातायात संचलन को सरल और कारगर तथा विनियमित करने के लिए सक्रिय रूप से कदम उठाने चाहिए थे।
एयरपोर्ट ऑपरेटर द्वारा ऐसी कोई कार्रवाई प्रारंभ नहीं की गई थी, इसलिए नागर विमानन मंत्रालय को हस्तक्षेप करना पड़ा है। एयर नेविगेशन सर्विस प्रोवाइडर होने के नाते एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने 2 जनवरी, 2024 को नोटिस टू एयर मेन (एनओटीएएम) के रूप में एयरपोर्ट ऑपरेटर को निर्देश जारी किए। इन निर्देशों ने एचआईआरओ (यानी 0800 बजे से 1100 बजे, 1700 – 2000 बजे और 2115 बजे -2315 बजे) के दौरान हवाई यातायात की आवाजाही (एटीएम) को 46 से 44 प्रति घंटे और गैर-एचआईआरओ अवधि में 44 से 42 अवधि तक प्रतिबंधित कर दिया। इसके अतिरिक्त, एचआईआरओ अवधि में सामान्य विमान प्रचालन भी प्रतिबंधित किए गए हैं। आशा की जाती है कि एमआईएएल को यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए कि सभी एयरलाइंस निर्धारित प्रतिबंधों को मानते हैं। यह कार्रवाई एयर स्पेस सुरक्षा, संचालन दक्षता और यात्री संतुष्टि के दृष्टिकोण से व्यापक जनहित में की गई है।
भारत सरकार महसूस करती है कि यात्रियों को मुंबई हवाई अड्डे से उड़ान भरते समय एक संतुष्टिदायक अनुभव सुनिश्चित करते हुए उसे एयरपोर्ट ऑपरेटरों और एयरलाइनों दोनों की आवश्यकताओं के बीच संतुलन बनाने के लिए कदम उठने की जरूरत है।