Pakistan News : रूस से कर्ज लेकर खास प्रोजेक्ट की होगी शुरूआत, चार दिवसीय वार्ता शुरू

कर्ज के बोझ तले पाकिस्तान के लिए कर्ज से ही विकास का काम करना मजबूरी है। वह एक बार और रूस से कर्ज ले रहा है। आज से चार दिवसीय वार्ता शुरू हो रही है। आवाम की खुशहाली और पाकिस्तान की बेहतरी के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान नया करने की सोच रहे हैं।

इस्‍लामाबाद। अपने आवाम की बेहतरी के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अन्य देशों से करार कर रहे हैं। आवाम का पूरा प्रेशर है कि पाकिस्तान की बेहतरी के लिए काम करें। लोगों की जरूरतों को पूरा किया जाए। इसके लिए पाकिस्‍तान सरकार आज से रूस के साथ मिलकर एक अहम प्रोजेक्‍ट पर काम करेंगी। इसके लिए रूस से ऋण लिया गया है। इसी संदर्भ में आज से चार दिवसीय वार्ता शुरू हो रही है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस वार्ता का मकसद रणनीतिक प्रोजेक्‍ट के लिए शेयरहोल्डिंग एग्रीमेंट को अंतिम रूप देना है। एक सरकारी दस्‍तावेज के मुताबिक ये प्रोजेक्‍ट पाकिस्‍तान स्‍ट्रीम गैस पाइपलाइन से जुड़ा हुआ है। इस प्रोजेक्‍ट के तहत होने वाले इंटर गवर्नमेंटल एग्रीमेंट में बदलाव किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक इस प्रोजेक्‍ट में 74 फीसद भागीदारी पाकिस्‍तान की और 26 फीसद रूस की है। बता दें कि ये पाइपलाइन करीब 1040 किमी लंबी है। एएनआई ने अखबार की रिपोर्ट के हवाले से बताया हे कि इस वार्ता की पुष्टि पेट्रोलियम सचिव की तरफ से की गई है।
दरअसल, पाकिस्‍तान की आर्थिक हालत बेहद खराब है। पिछले दिनों पाकिस्‍तान ने वर्ल्‍ड बैंक से कर्ज लेने की कोशिश की थी लेकिन ये कोशिश सफल नहीं हो सकी। पाकिस्‍तान लगातार अपनी वित्‍तीय जरूरतों के लिए धन जुटाने की कोशिशों में लगा हुआ है। चीन से उसने पहले से ही काफी कर्ज ले रखा है। वहीं यूएई से लिया गया कर्ज भी उसको लौटाना काफी मुश्किल हो रहा है। सऊदी अरब से भी पाकिस्‍तान पहले ही काफी कर्ज ले चुका है।
बता दें कि पाकिस्‍तान की इमरान खान सरकार की योजना रूस के एग्जिम बैंक से ऋण हासिल करना भी है। इसके अलावा पाकिस्‍तान दूसरे फाइनेंशियल प्रोजेक्‍ट के लिए भी रूस से ऋण लेने की कोशिश कर रहा है। अमेरिका के इस संबंध में हाथ खींच लेने के बाद अब पाकिस्‍तान को रूस से आस है कि वो उन्‍हें ऋण उपलब्‍ध कराएगा। इस धन का इस्‍तेमाल पाइपलाइन और कंप्रेसर खरीदने के लिए किया जाएगा। पाकिस्‍तान ने इसके लिए इस प्रोजेक्‍ट में रूस की भागीदारी को 26 फीसद से बढ़ाकर 49 फीसद तक करने को भी कहा है। इसके जरिए पाकिस्‍तान न सिर्फ धन जुटा पाएगा बल्कि अपनी वित्‍तीय जरूरत को भी पूरा कर सकेगा।