लंदन। कोरोना (cOVID19) को लेकर कई देशों ने अपने यहां बाहर से आने वाले लोगों को लेकर विशेष सतर्कता बरती है। ब्रिटेन (UK) ने भी ऐसा ही किया। खासकर उन देशों के लोगों को लेकर, जहां कोरोना का दूसरा लहर आ चुका है। ऐसे देशों की सूची में भारत भी है। भारत से आने वाले यात्रियों के लिए शुक्रवार से ‘‘रेड लिस्ट’’ कोविड-19 यात्रा प्रतिबंध शुरू हो गए।
प्रतिबंध तब शुरू हुए जब ब्रिटेन के स्वास्थ्य विभाग की इकाई ‘पब्लिक हेल्थ इंग्लैण्ड’ (Public Health England) ने देश में वायरस के तथाकथित दोहरे उत्परिवर्तन वाले भारतीय स्वरूप ‘बी.1.617’ से जुड़े संक्रमण के 55 और मामले पाए जाने की पुष्टि की। इसके साथ ही वायरस के इस स्वरूप से जुड़े मामलों की कुल संख्या ब्रिटेन में 132 हो गई है।
इन प्रतिबंधों के तहत भारत से लोगों के ब्रिटेन आने पर रोक है और नयी दिल्ली से अपने देश लौट रहे ब्रिटिश तथा आयरिश नागरिकों के लिए होटल में दस दिन तक पृथक-वास में रहना अनिवार्य है। ब्रिटेन ने ‘रेड लिस्ट’ श्रेणी के यात्रा प्रतिबंधों में 40 देशों को शामिल किया है जिन्हें कोरोना वायरस के नए स्वरूपों के प्रसार के लिहाज से अत्यंत जोखिम वाला माना जा रहा है।
ब्रिटेन में वायरस के इस स्वरूप को ‘वैरिएंट अंडर इन्वेस्टिगेशन’ (वीयूआई) श्रेणी में रखा गया है। ‘रेड लिस्ट’ (Red List) प्रतिबंधों की शुरुआत होने से पहले ब्रिटेन के लिए भारत से अंतिम उड़ान बृहस्पतिवार की शाम लंदन स्थित हीथ्रो हवाईअड्डे (Hithro Airport) Hitपर उतरी जो नयी दिल्ली से पहुंची थी।
दूसरी ओर, अमेरिका (USA)के कई सांसदों ने भारत में कोविड-19 (COVID19 in India) के मामलों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी पर चिंता प्रकट की और बाइडन प्रशासन से भारत को सभी जरूरी मदद मुहैया कराने का अनुरोध किया है।डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद एडवर्ड मार्के ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘हमारे पास जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए सारे संसाधन हैं और यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है।’’उन्होंने कहा कि भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के दुनिया में सबसे ज्यादा मामले आए हैं।