तेहरान। ईरान की राजधानी तेहरान में शनिवार को इजरायल के साथ चल रहे युद्ध के दौरान मारे गए 60 सैन्य कमांडरों और वैज्ञानिकों को पूरे राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इस भावुक अवसर पर तेहरान की सड़कों पर हजारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। अंतिम यात्रा में लोगों ने देश के इन “शहीदों” को श्रद्धांजलि दी और ‘अमेरिका-मुर्दाबाद’ जैसे नारे भी लगाए।
ईरान की सरकारी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अंतिम संस्कार समारोह में बड़ी संख्या में सैन्य अधिकारी, सरकारी प्रतिनिधि और नागरिक उपस्थित थे। श्रद्धांजलि देने वालों में इन कमांडरों और वैज्ञानिकों के परिजन भी शामिल थे, जिनकी आंखें नम थीं लेकिन चेहरों पर गर्व झलक रहा था।
हालांकि, इस मौके पर ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामनेई की अनुपस्थिति ने कई राजनीतिक चर्चाओं को जन्म दे दिया। सरकारी प्रवक्ताओं की ओर से उनकी गैरमौजूदगी पर कोई स्पष्ट टिप्पणी नहीं की गई।
बताया जा रहा है कि इन सैन्य अधिकारियों और वैज्ञानिकों की मौत इजरायल द्वारा हाल ही में किए गए एक सटीक हवाई हमले में हुई थी, जिसमें ईरान के कई रणनीतिक सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया। यह हमला ईरान और इजरायल के बीच चल रहे तनावपूर्ण संघर्ष के बीच हुआ, जिसने पूरे क्षेत्र में अशांति बढ़ा दी है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह जन-सम्मेलन ईरान की जनता में बढ़ते राष्ट्रवादी भाव को दर्शाता है। वहीं, खामनेई की गैरहाजिरी पर सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या यह स्वास्थ्य कारणों से थी या फिर रणनीतिक चुप्पी का हिस्सा।
माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में ईरान की ओर से इजरायल के खिलाफ और भी सख्त जवाबी कार्रवाई देखने को मिल सकती है। क्षेत्रीय हालात बेहद संवेदनशील बने हुए हैं।