Singhu Border Murder Case : किसान आंदोलन में क्यों बदनाम हो रहे हैं निहंग ?

सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के दलित युवक की हत्या हुई। शव को क्षत-विक्षत कर दिया गया। आरोप निहंग पर लगा। पुलिस ने हिरासत में लिया। अब पुलिस रिमांड पर निहंग बार-बार बयान बदल रहा है। इससे पुलिस के लिए परेशानी बढ़ी है तो सवालों की जद में निहंग भी आ रहे हैं।

नई दिल्ली। दिल्ली की सीमाओं पर बीते दस महीने से किसान आंदोलन जारी है। इस आंदोलन में कई लोगों की जानें गई है। कुछेक हत्या भी हुई। विभत्स घटनाओं में कुछ निहंगों का नाम आया और पुलिस ने उन्हें हिरासत में भी लिया। ऐसा ही एक मामला बीते दिनों हुआ, जिसमें निहंग को पुलिस ने गिरफ्तार किया। मामला अब कोर्ट में है। खबर आ रही है कि ये निहंग अपनी जान बचाने के लिए झूठ का सहारा ले रहे हैं। पैंतरेबाजी कर रहे हैं।

असल में, सिंघु बार्डर (कुंडली) बार्डर पर 15 अक्टूबर को दलित युवक लखबीर सिंह की हत्या को लेकर अब भी कुछ साफ नहीं हुआ है। रिमांड में आरोपित निहंगों से पूछताछ करना सोनीपत पुलिस अधिकारियों के लिए सिरदर्द बना हुआ है। वे एसआइटी के समक्ष बार-बार बयान बदलकर कभी हां-कभी ना के फेर में उलझाए हैं। आरोपित निहंगों ने तो अपने ही साथियों को पहचानने से इनकार कर दिया है। अब मुख्य आरोपित सरबजीत भी पुलिस को पहले दी गई जानकारी से पलट गया है।
लखबीर की हत्या के बाद निहंगों ने खुद ही वीडियो वायरल किए थे। वीडियो के आधार पर चार निहंगों के गिरफ्तार होने के बाद उनमें भगदड़ मच गई है। वीडियो में दिख रहे ज्यादातर निहंग कुंडली बार्डर से गायब हो गए हैं। एसआइटी ने वीडियो के आधार पर करीब 24-25 निहंगों को चिह्नित किया है। उनके फोटो निकलवा गए हैं। उसके आधार पर पहचान कराने का प्रयास किया जा रहा है।

बता दें कि एसआइटी की दो टीम लखबीर की हत्या के आरोपित निहंग सरबजीत, नारायण सिंह, भगवंत सिंह और गोविंद सिंह प्रीत से पूछताछ कर रही हैं। एक सप्ताह के रिमांड में जरूरी जानकारी नहीं मिलने पर एसआइटी ने उनका दो दिन का अतिरिक्त रिमांड लिया है।एसआइटी के अनुसार जिन साथी निहंगों के साथ वे दस महीने से रुके हुए हैं, अब उनको ही पहचानने से इंकार कर रहे हैं। उनके नाम और पते अलग-अलग बता रहे हैं।