कोरोना को लेकर चिंता में है लोग, क्या चौथी लहर का भी करना होगा सामना

पूरे देश में आज 1,17000 से अधिक HWCs कार्यरत है, जो नागरिकों को ई-संजीवनी जैसी स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध करवा रहे है। 16 से 22 अप्रैल तक पूरे देश में योग कार्यक्रम, हेल्थ मेला का आयोजन किया जाएगा व HWCs तथा स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं के बारे में जागरूकता कार्यक्रम किए जाएँगे।

नई दिल्ली। हाल के कुछ दिनों में कोरोना के संक्रमण के मामले प्रकाश में आए हैं। राजधानी दिल्ली और एनसीआर में भी स्कूलों को इसके कारण बंद करना पड़ा है। कोरोना का नया वैरिएंट भी देश के चंद स्थानों पर दस्तक दे चुका है। उसके बाद लोगों की चिंता इस बात को लेकर है कि क्या देश को चौथी लहर का सामना करना होगा ? यह सवाल किसी एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि देश के कई प्रबुद्ध लोगों का है। इन्हीं चिंताओं को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडवियान ने देश के आला स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ बैठक की और समुचित निर्देश दिए।

बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार,राष्ट्रव्यापी कोविड रोधी टीकाकरण के अंतर्गत अब तक 186.07 करोड़ से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं।भारत में इस समय उपचाराधीन रोगियों की संख्या 10,870 है। सक्रिय मामलों की दर 0.03 प्रतिशत है। देश में कोविड से स्वस्थ होने की वर्तमान दर 98.76 प्रतिशत है।पिछले चौबीस घंटों में 1081 मरीज ठीक हुए, अब तक स्वस्थ हुए कुल लोगों की संख्या 4,25,05,410 है। बीते 24 घंटों में 1088 नए संक्रमितों का पता चला है।दैनिक सक्रिय मामलों की दर 0.25 प्रतिशत है। साप्ताहिक सक्रिय मामलों की दर 0.24 प्रतिशत है। अब तक 79.49 करोड़ नमूनों की जांच हो चुकी है, कल 4,29,323 नमूनों की कोविड जांच की गई।

गौर करने योग्य यह भी है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार लोगों को कोरोना अनुरूप नियमों का पालन करने की सलाह दे रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया का कहना है कि देश में 1 लाख 17 हज़ार हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर चालू हो चुके है, उसमें से 1 लाख पर हम 16 अप्रैल से Tele-Consultation चालू कर रहे है। दूर-सुदूर गाँव में रहने वाले नागरिक को अगर किसी विशेषज्ञ से सलाह चाहिए तो Tele-Consultation से उसके लिए काफ़ी आसानी हो जाएगी।

डॉ. मनसुख मंडाविया ने देश में कोविड-19 के मामलों की समीक्षा करते हुए, उन्होंने अधिकारियों को नए वेरिएंट्स और मामलों की मौजूदा जांच और निगरानी को बढ़ावा देने का निर्देश दिया।डॉ. मंडाविया ने चिकित्सा के बुनियादी ढांचे और संसाधनों के बारे में अधिकारियों को उपचार के लिए आवश्‍यक दवाओं की उपलब्धता की भी लगातार समीक्षा करने का निर्देश दिया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि मौजूदा टीकाकरण अभियान को पूरी गति से चलाया जाना चाहिए और सभी पात्र लोगों का टीकाकरण किया जाना चाहिए।