कुशीनगर। पूर्वांचल को विकास का नया उपहार देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कुशीनगर पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 280 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्माण किये जाने वाले राजकीय मेडिकल कॉलेज, कुशीनगर की आधारशिला रखी व 180 करोड़ रुपये से अधिक की लागत की 12 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया।
कुशीनगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया में जहां-जहां भी बुद्ध के विचारों को सही मायनों में आत्मसात किया गया है, वहां कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी प्रगति के रास्ते बने हैं। बुद्ध इसलिए ही वैश्विक हैं क्योंकि वो अपने भीतर से ही शुरुआत करने की बात करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने यहां महापरिनिर्वाण मंदिर में अभिधम्म दिवस पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन की शुरुआत करते हुए यह बात कही। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने बौद्ध भिक्षुओं को चीवर दान किए।
Feel extremely blessed to be in Kushinagar on Abhidhamma Day. pic.twitter.com/UGBcvXcXGN
— Narendra Modi (@narendramodi) October 20, 2021
उन्होंने कहा, ‘‘भगवान बुद्ध की कृपा से आज के दिन कई अलौकिक संयोग हो रहे हैं। बुद्ध के संदेश पूरी मानवता के लिए हैं। कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की शुरुआत से पूरी दुनिया से करोड़ों अनुयायियों को यहां आने का अवसर मिलेगा, उनकी यात्रा आसान होगी।’ उन्होंने कहा , ‘अलग देश, अलग परिवेश लेकिन मानवता की आत्मा में बसे बुद्ध सबको जोड़ रहे हैं। भारत ने भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को अपनी विकास यात्रा का हिस्सा बनाया है, उसे अंगीकार किया है । हमने ज्ञान को, महान संदेशों को, महान आत्माओं के विचारों को बांधने में कभी भरोसा नहीं किया, बल्कि जो कुछ भी हमारा था उसे मानवता के लिये मम भाव से अर्पित किया है इसलिये अहिंसा, दया, करुणा जैसे मूल्य आज भी उतनी ही सरलता से भारत के अंतर्मन में रचे बसे हैं ।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने अभिधम्म दिवस कार्यक्रम में कहा कि तिरंगे पर जो ‘धम्म चक्र’ है, वह देश को आगे ले जाने की शक्ति है। उन्होंने कहा कि आज भी जब कोई संसद में प्रवेश करता है तो उन्हें ‘‘धम्म चक्र प्रवर्तने’’ मंत्र लिखा दिखाई देता है।
प्रधानमंत्री ने कहा,‘‘ बुद्ध पूरी दुनिया के हैं क्योंकि वह खुद के भीतर से शुरुआत करने की बात करते हैं। भगवान बुद्ध का बुद्धत्व गहन जिम्मेदारी का एहसास कराता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हम सभी जानते हैं कि श्रीलंका में बौद्ध धर्म का संदेश सबसे पहले सम्राट अशोक के पुत्र महेंद्र और पुत्री संघमित्रा लेकर गये थे । माना जाता है कि आज ही के दिन अरहंत महेंद्र ने वापस आकर अपने पिता को बताया था कि श्रीलंका ने बुद्ध का संदेश कितनी ऊर्जा से अंगीकार किया है ।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ इस समाचार ने यह विश्वास बढ़ाया था कि बुद्ध का संदेश पूरे विश्व के लिये है, बुद्ध का धम्म मानवता के लिये है । इसलिये आज का यह दिन हम सभी देशों के सदियों पुराने सांस्कृतिक संबंधों को नयी ऊर्जा देने का भी दिन है । मैं आप सभी को बधाई देता हूं कि आप आज भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थल पर उनके सामने उपस्थित हैं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया में जहां जहां भी बुद्ध के विचारों को सही मायनों में आत्मसात किया गया है वहां कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी प्रगति के रास्ते बने हैं । उन्होंने कहा कि बुद्ध इसलिये ही वैश्विक हैं क्योंकि बुद्ध अपने भीतर से शुरूआत करने के लिये कहते हैं ।