PM Modi in USA : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ने भरी हामी

भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड का अपना महत्व है। इस दशक में ट्रेड के क्षेत्र में भी हम एक दूसरे को काफी मदद कर सकते हैं। बहुत सी चीजें हैं जो अमेरिका के पास हैं जिनकी भारत को ज़रूरत है। बहुत सी चीजें भारत के पास हैं जो अमेरिका के काम आ सकती हैं।

वाशिंगटन। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी अमेरिकी यात्रा पर है। इस दौरान कई महत्वपूर्ण बैठकों में उन्होंने हिस्सा लिया। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से पीएम मोदी की व्हाइट हाउस में मुलाकात हुई। इस मुलाकात में कई अहम मुद्दों पर बात हुई। मुलाकात की खास बात यह भी रही कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ने हामी भरी है।
भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने स्पष्ट तौर पर व्यक्त किया कि भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता होनी चाहिए। विदेश सचिव ने यह भी कहा कि भारत-अमेरिका डिफेंस संबंधों पर चर्चा हुई। दोनों पक्षों द्वारा डिफेंस में नए हाई टेक्नोलॉजी प्रोजेक्ट पर साथ काम करने की इच्छा जताई गई। दोनों देशों(भारत-अमेरिका) ने इस बात पर सहमति जताई कि आतंकवाद एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। दोनों देशों ने आतंकवाद से लड़ने के लिए प्रतिबद्धता जताई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय प्रतिनिधिमंडल व्हाइट हाउस में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के साथ द्विपक्षीय बैठक की।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्हाइट हाउस में ओवल ऑफिस पहुंचने पर उनका स्वागत किया। बैठक के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आपने पदभार संभालने का बाद कोविड हो, जलवायु परिवर्तन हो या क्वाड हो, हर क्षेत्र में एक यूनिक पहल की है जो आने वाले दिनों में बहुत बड़ा प्रभाव पैदा करेग।। ये दशक उस ट्रस्टीशिप के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है, महात्मा गांधी हमेशा इस बात की वकालत करते थे कि इस प्लेनेट के हम ट्रस्टी हैं। ये ट्रस्टीशिप की भावना भी भारत और अमेरिका के बीच के संबंधों में बहुत अहमियत रखेगी।
करीब आधे घंटे तक चली इस मुलाकात में गर्मजोशी के अलावा हंसी-खुशी भी नजर आई। जो तस्वीरें नजर आईं उसमें दोनों ही नेता बीच-बीच में हंसते-मुस्कुराते भी नजर आए। जो बाइडन ने कहा, ‘मुझे लंबे समय से विश्वास है कि अमेरिका-भारत संबंध हमें कई वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में मदद कर सकते हैं। वास्तव में 2006 में जब मैं उपराष्ट्रपति था, मैंने कहा था कि 2020 तक भारत और अमेरिका दुनिया के सबसे करीबी देशों में होंगे।’

1