नई दिल्ली। देश भर में टीकाकरण अभियान को बढ़ावा देने के लिए प्रसिद्ध गायक पद्मश्री कैलाश खेर द्वारा एक ऑडियो-विजुअल गीत आज पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री मनसुख मंडाविया द्वारा लॉन्च किया गया। इस कार्यक्रम में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री श्री रामेश्वर तेली, सचिव पीएनजी श्री तरुण कपूर, मंत्रालय और तेल एवं गैस पीएसयू के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। इस गाने को ऑयल एंड गैस पीएसयू ने प्रोड्यूस किया है। इसका लॉन्च कार्यक्रम वर्चुअल माध्यम से हुआ।
इस अवसर पर बोलते हुए श्री पुरी ने कहा कि भारत अगले सप्ताह 100 करोड़ टीकों का लक्ष्य हासिल करने जा रहा है। मार्च 2020 में देश में लॉकडाउन लगा था और भारत पीपीई किट, वेंटिलेटर और अन्य आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति के लिए आयात पर निर्भर था। लेकिन थोड़े समय के भीतर हम इन सभी चीजों का घरेलू स्तर पर निर्माण करने में सक्षम हुए और अब हम हर चुनौती का सामना करने के लिए बेहतर रूप से तैयार हैं। यह सभी के योगदान और प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण संभव हुआ। उन्होंने कहा कि यह बहुत संतोष की बात है कि नकारात्मक कहानी बनाने की कोशिश करने वाले विफल रहे और कोविड के खिलाफ लड़ाई ने एक जन आंदोलन का रूप ले लिया।
A song that slays vaccine hesitancy!
टीके से बचा है देश टीके से
टीके से बचेगा देश टीके सेJoined my colleagues Dr @mansukhmandviya Ji & Sh @Rameswar_Teli Ji to release India’s Vaccination Anthem #BharatKaTikakaran sung by Sh @Kailashkher Ji.#SabkaSaathSabkaPrayas pic.twitter.com/K18brCngXK
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) October 16, 2021
श्री मंडाविया ने कहा कि देश में 97 करोड़ से अधिक टीकाकरण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार और लोगों ने स्वदेशी वैक्सीन विकसित करने में हमारे वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और चिकित्सा बिरादरी में विश्वास दिखाया और फिर सभी के प्रयासों के कारण, हम देश के कोने-कोने में टीकों को वितरित करने और इतनी कम अवधि में इतनी बड़ी संख्या में टीकाकरण करने का कठिन कार्य करने में सक्षम थे।
श्री कैलाश खेर ने कहा कि संगीत न केवल मनोरंजन का साधन है बल्कि इसमें दूसरों को प्रेरित करने के गुण भी हैं। उन्होंने कहा कि भारत एक महान राष्ट्र है जहां दुनिया अपनी क्षमता और उपलब्धियों को पहचानती है लेकिन कुछ गलतफहमियां हैं जिन्हें दूर करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रेरक गीतों के माध्यम से नैतिक समर्थन और जागरूकता पैदा की जा सकती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह गीत मिथकों को दूर करने और टीके की स्वीकार्यता को बढ़ावा देने में एक लंबा सफर तय करेगा।