गाजियाबाद। देश की सबसे बड़ी हाईटेक सिटी बनने जा रही वेव सिटी के बाहर लंबे समय से चल रहा धरना-प्रदर्शन आखिरकार खत्म हो गया है। इस फैसले के बाद स्थानीय निवासियों के चेहरे खिल उठे और उन्होंने राहत की सांस ली। अदालत और स्थानीय प्रशासन की सक्रिय भूमिका इस समाधान में अहम रही।
धरने की वजह से जहां वेव सिटी के विकास कार्यों में लगातार बाधा आ रही थी, वहीं स्थानीय निवासियों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। कामकाजी महिलाएं और पुरुष रोजाना यातायात और सुरक्षा की समस्या से जूझ रहे थे। कई लोग बताते हैं कि धरने के दौरान अराजक तत्वों के शामिल होने से उन्हें हमेशा अनहोनी का डर बना रहता था। अब जब धरना समाप्त हो गया है तो वे निश्चिंत होकर अपने दैनिक कार्य कर पा रहे हैं।
वेव सिटी में काम करने वाले कर्मचारियों ने भी राहत महसूस की है। उनका कहना है कि धरना खत्म होने के बाद अब आवाजाही में किसी तरह की समस्या नहीं हो रही है और कामकाज भी सुचारू रूप से चल रहा है।
गौरतलब है कि अपर सिविल जज नमितेश गुप्ता ने 14 जुलाई 2025 को आदेश जारी कर कविनगर थानाध्यक्ष को 22 मार्च 2017 के न्यायालयीय निर्णय का अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए थे। आदेश में स्पष्ट कहा गया था कि वेव सिटी के विकास कार्यों में किसी तरह की बाधा न हो और कर्मचारियों के साथ किसी भी प्रकार की मारपीट की घटना न घटे।
हालांकि, प्रदर्शनकारी लगातार न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करते रहे और विकास कार्य में बाधा डालते रहे। इसके बाद अदालत ने कविनगर थानाध्यक्ष को 31 जुलाई 2025 तक का समय दिया था कि वे वार्ता के माध्यम से धरना खत्म कराएं। लेकिन जब स्थिति जस की तस बनी रही तो पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए प्रदर्शनकारियों को धरना स्थल से हटाया और लंबे समय से चल रहा विवाद समाप्त कराया।