राहुल गांधी ने की बात किसानों की, खरी खोटी सुनाई भाजपा सरकार को

नई दिल्ली। किसानों का आंदोलन खत्म नहीं हो रहा है। सरकार कोशिश कर रही है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति ने भी काम करना शुरू कर दिया है। दूसरी ओर, किसान अपनी मांगों पर अडे हुए हैं। नतीजा कोई समझौता आज तक नहीं हो रहा है। ऐसे में कांग्रेस नेता लगातार भाजपा और केंद्र सरकार की नीतियों को इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

कांग्रेस मुख्यालय में आज आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि इन कानूनों से कृषि क्षेत्र पर तीन-चार पूंजीपतियों का एकाधिकार हो जाएगा और खेती की पूरी व्यवस्था आजादी से पहले की हालत में चली जाएगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह ‘देशभक्त’ और ‘साफ-सुधरे’ व्यक्ति हैं तथा वे देश की रक्षा के लिए मुद्दे उठाते रहेंगे।

इस अवसर पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ‘किसानों की पीड़ा’ पर ‘खेती का खून’ शीर्षक से एक पुस्तिका भी जारी की। इस पुस्तिका में किसानों की दयनीय हालत का वर्णन किया है। इस दौरान कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि किसान न्याय की गुहार लगा रहा है,किसान जीने का अधिकार माँग रहा है, किसान आजीविका की लड़ाई लड़ रहा है, पर मोदी सरकार…किसान का निवाला छिनने पर उतारू है ! आज श्री राहुल गाँधी ने किसान की पीड़ा बयान करती “खेती का खून, तीन काले क़ानून” पुस्तिका का अनावरण किया।

पुस्तिका के लोकार्पण के बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने यह भी कहा कि देश में एक त्रासदी पैदा हो रही है। सरकार इस त्रासदी को नजरअंदाज करना चाहती है और लोगों को गुमराह करना चाहती है। किसानों का संकट इस त्रासदी का एक हिस्सा मात्र है। हवाई अड्डों, बुनियादी ढांचे, ऊर्जा, दूरसंचार, रिटेल और दूसरे क्षेत्र में हम देख रहे हैं कि बड़े पैमाने पर एकाधिकार स्थापित हो गया है। तीन-चार पूंजीपतियों का एकाधिकार है। ये तीन-चार लोग ही प्रधानमंत्री के करीबी हैं और उनकी मदद करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कृषि क्षेत्र अब तक एकाधिकार से अछूता था, लेकिन अब इसे भी निशाना बनाया जा रहा है और ये तीनों कानूनों इसीलिए लाए गए हैं।