जम्मू। शुक्रवार की शाम पवित्र अमरनाथ गुफा के निकट बादल फटा था। इससे आए सैलाब और मलवे में कई लोगों की जानें गईं। पूरी रात राहत और बचाव अभियान जारी है। स्थानीय पुलिस, अर्द्धसैनिक बलों के जवान, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर जुटी हुई हैं। भारतीय सेना निचले अमरनाथ गुफा स्थल पर बादल फटने से प्रभावित इलाके में सेना के डॉग स्क्वायड के साथ बचाव अभियान चला रही है।
कल शाम एक दम आई बाढ़ के कारण पवित्र गुफा क्षेत्र के पास फंसे अधिकांश तीर्थयात्रियों को पंजतरणी में स्थानांतरित किया गया है। ITBP ने मार्ग खोलने और सुरक्षा दलों को निचली पवित्र गुफा से पंजतरणी तक विस्तारित किया है। करीब 15,000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। ITBP के जवानों ने निचले अमरनाथ गुफा स्थल पर बादल फटने से प्रभावित इलाके में बचाव अभियान चलाया। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 13 लोगों की मृत्यु हुई है और 48 लोग घायल हैं।
भारतीय सेना निचले अमरनाथ गुफा स्थल पर बादल फटने से प्रभावित इलाके में सेना के डॉग स्क्वायड के साथ बचाव अभियान चला रही है।
(स्रोत: भारतीय सेना के अधिकारी)#AmarnathCaveCloudBurst pic.twitter.com/GClW8KVdtA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 8, 2022
एक यात्री ने बताया, “हमें अब यात्रा के लिए आगे जाने दे रहे हैं। सभी तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं। हमें बहुत अच्छा लग रहा है। बाबा सबकी रक्षा करेंगे। जो कल प्राकृतिक आपदा आई उसको लेकर दुख है लेकिन बाबा बर्फानी सबकी रक्षा करेंगे और दर्शन देंगे।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे में शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना की। इसके साथ ही पीएम ने बताया कि कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा से उन्होंने बात की और स्थिति का जायजा लिया है। पीएम मोदी ने कहा प्रभावितों को हर संभव सहायता मुहैया कराई जा रही है।
जम्मू-कश्मीर एलजी मनोज सिन्हा ने बताया कि अमरनाथ गुफा में बादल फटने की घटना के बाद एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीएसएफ, सेना, जेकेपी और श्राइन बोर्ड प्रशासन बचाव करने में जुटा हुआ है।
आज सुबह करीब 4 बजे डोडा गुंटी वन में बादल फटने से ठठरी के ठठरी कस्बे में बाढ़ आई। किसी की मृत्यु की सूचना नहीं है। बादल फटने से कई वाहन मिट्टी में धंसे और हाईवे भी बंद हुए जिसको खोलने का कार्य किया जा रहा है।