Republic Day 2021: पूरा देश मना रहा है गणतंत्र दिवस, शहीदों को कर रहा है नमन

हर नई पीढ़ी का यह दायित्व है कि समय के अनुरूप, इन मूल्यों की सार्थकता स्थापित करे। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने यह दायित्व, अपने समय में, बखूबी निभाया था। उसी प्रकार, आज के संदर्भ में, हमें भी उन मूल्यों को सार्थक और उपयोगी बनाना है। इन्हीं सिद्धांतों से आलोकित पथ पर, हमारी विकास यात्रा को निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए।

नई दिल्ली। आज भारत अपना 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। कृतक्ष देश अपने वीर सपूतों का नमन कर रहा है। केंद्र सरकार की ओर से कई पुरस्कारों की घोषणा की गई, जिन्हें महामहिम की ओर से दी जाएगी। राजपथ पर मुख्य समारोह होता है। इसमें भारत की सर्वांगीण क्षमता को देखा जा सकता है। सांस्कृतिक और सामरिक रूप से हमने कितने सामथ्र्यवान हो चुके हैं, इसका प्रतीक है राजपथ पर निकलने वाली झांकियां।

गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति ने देशवासियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि देश के लोग ही गणतंत्र को चलाते हैं। उन्होंने देशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दीं। विविधताओं से समृद्ध हमारे देश में अनेक त्योहार मनाए जाते हैं, परंतु हमारे राष्ट्रीय त्योहारों को, सभी देशवासी, राष्ट्र-प्रेम की भावना के साथ मनाते हैं। गणतन्त्र दिवस का राष्ट्रीय पर्व भी, हम पूरे उत्साह के साथ मनाते हुए, अपने राष्ट्रीय ध्वज तथा संविधान के प्रति सम्मान व आस्था व्यक्त करते हैं।

अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि हम सबको, अतीत में और भी पीछे जाकर, यह जानने का प्रयास करना चाहिए कि यही मूल्य हमारे राष्ट्र-निर्माताओं के लिए आदर्श क्यों बने? इस का उत्तर स्पष्ट है कि अनादि-काल से, यह धरती और यहां की सभ्यता, इन जीवन-मूल्यों को संजोती रही है। न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता हमारे जीवन-दर्शन के शाश्वत सिद्धांत हैं। इनका अनवरत प्रवाह, हमारी सभ्यता के आरंभ से ही, हम सबके जीवन को समृद्ध करता रहा है। हर नई पीढ़ी का यह दायित्व है कि समय के अनुरूप, इन मूल्यों की सार्थकता स्थापित करे। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने यह दायित्व, अपने समय में, बखूबी निभाया था। उसी प्रकार, आज के संदर्भ में, हमें भी उन मूल्यों को सार्थक और उपयोगी बनाना है। इन्हीं सिद्धांतों से आलोकित पथ पर, हमारी विकास यात्रा को निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए।

राष्ट्रपति भवन को तिरेंगे के रंग में सजा दिया गया है। 15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं। वहीं 26 जनवरी को राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि प्रधानमंत्री देश के राजनीतिक प्रमुख होते हैं, जबकि राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख होते हैं। हर साल स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन लाल किले पर किया जाता है। वहीं 26 जनवरी 1950 को आजाद भारत का संविधान लागू होने पर पहले गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन राजपथ पर किया गया था।