कायम है शिवसेना का सियासी संकट, अब राज ठाकरे की हुई एंट्री

कई दिनों से जारी महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट का कोई हल नहीं दिख रहा है। राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और शिवसेना के बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे के अपने तर्क और दावे हैं। 15 विधायकों को अयोग्य करार देने के खिलाफ मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा है। इसके साथ ही अजय चौधरी को विधायक दल का नेता चुने जाने के फैसले को भी चुनौती दी है।

मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति हर पल बदल रहा है। गुवाहाटी से लेकर मुंबई तक पल पल समीकरण के बदलने की खबर है। मामला सुप्रीम कोर्ट में भी है। इसके बीच शिवसेना से अलग होकर अपनी अलग पार्टी बना चुके मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने भी इस सियासी खेल में एंट्री कर ली है। इसके बाद मामला दिलचस्प बताया जा रहा है। शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए दोपहर 2 बजे गुवाहाटी के होटल में बैठक बुलाई।

शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने मनसे (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) प्रमुख राज ठाकरे से दो बार फोन पर बात की। शिंदे ने ठाकरे से महाराष्ट्र की हालिया राजनीतिक स्थिति के बारे में बात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में भी जानकारी ली। इस बात की पुष्टि मनसे के एक नेता ने की है।

15 विधायकों को अयोग्य करार देने के खिलाफ मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा है। इसके साथ ही अजय चौधरी को विधायक दल का नेता चुने जाने के फैसले को भी चुनौती दी है। आज सुनवाई होगी। याचिका पर आज जस्टिस सूर्यकांत और जेबी पारदीवाला की अवकाशकालीन बेंच सुनवाई करेगी। एकनाथ शिंदे की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे पेश होंगे तो दूसरी तरफ शिवसेना की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी।

अपने ‘ज़िंदा लाश’ बयान पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि जो लोग 40-40 साल तक पार्टी में रहते हैं और फिर भाग जाते हैं, उनका ज़मीर मर गया है, तो उसके बाद क्या बचता है? ज़िंदा लाश। यह राममनोहर लोहिया साहब के शब्द हैं। मैंने किसी की भावना को ठेस पहुंचाने का काम नहीं किया, मैंने सत्य कहा है।

सुनील राउत, शिवसेना का कहना है कि मैं गुवाहाटी क्यों जाऊं? मैं गोवा जा सकता हूं। गुवाहाटी में क्या गद्दारों का चेहरा देखने जाऊंगा। मैं शिवसेना का आदमी हूं। मैं अपने आखिरी क्षण तक शिवसेना में ही रहूंगा और शिवसेना का ही काम करूंगा। अब जितने लोग बचे हैं हम उनसे ही महाराष्ट्र में शिवसेना बढ़ाएंगे।