अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद बनेगा जीवंत रामायण परिसर

श्रीराम जन्म भूमि न्यास तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी व पेजावर मठ के पीठाधिपति जगदगुरू मध्वाचार्य विश्व प्रसन्न तीर्थ स्वामी ने कहा ट्रस्ट के पास पर्याप्त पैसे, इसके लिए अयोध्या में करीब 1000 एकड़ जमीन की तलाश। राज्य सरकारों से अयोध्या में अपने प्रांतों की संस्कृति को दर्शाते यात्री निवास बनाने के लिए न्यास की ओर से किया जा रहा है अनुरोध।

नई दिल्ली । अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की योजना इस नगरी में लाइव रामायण परिसर बनाने की है जहां संपूर्ण रामायण की जीवंत अनुभूति हो सकेगी। इसके लिए न्यास अध्योया में मंदिर परिसर से बाहर जमीन की तलाश कर रहा है। श्रीराम जन्म भूमि न्यास तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी और पेजावर मठ के पीठाधिपति जगदगुरू मध्वाचार्य विश्व प्रसन्न तीर्थ स्वामी के अनुसार ट्रस्ट के पास इतने संसाधन हैं कि इस जीवंत रामायण परिसर की कल्पना को साकार किया जा सकता है। इतना ही नहीं अयोध्या को विविध भारतीय संस्कृति का आइना बनाने की भी ट्रस्ट की योजना है जिसके तहत सभी राज्यों की सरकारों से अयोध्या में अपनी स्थापत्य और संस्कृति को प्रदर्शित करने वाला राज्य का भवन बनाने का प्रस्ताव दिया जाएगा।
श्रीराम जन्म भूमि न्यास तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी विश्व प्रसन्न तीर्थ स्वामी ने यहां पत्रकार सम्मेलन में कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम के दर्शन के लिए आने वाले यात्रियों को पूरे भारत और उसकी संस्कृति का यहां दर्शन हो न्यास इस परिकल्पना को साकार करने की दिशा में काम कर रहा है। इसलिए राम मंदिर का निर्माण होने के बाद रामायण परिसर बनाने की योजना है जिसके लिए अयोध्या के निकट ही 500 से 1000 एकड़ जमीन की तलाश की जा रही है। स्वामी ने कहा कि इस जमीन पर ही रामयाण परिसर बनाने की योजना है जिसमें अयोध्या नगरी, जनकपुर, दंडाकरण्य से लेकर लंका, गंगा और समुंद्र सभी का साक्षात लघु रूप बनाने की परिकल्पना है। ताकि यहां आने वाले तीर्थ यात्री और विशेषकर बच्चे जीवंत रुप में संपूर्ण रामायण को देखने की अनुभूति प्राप्त कर सकें। इस जीवंत रामायण के स्वरुप की विस्तृत कार्ययोजना को आगे बढ़ाने पर व्यापक विचार-विमर्श मंदिर निर्माण पूरा होने के बाद किया जाएगा।
विश्व प्रसन्न तीर्थ स्वामी ने कहा कि हमने सभी राज्य सरकारों को एक सुझाव दिया है कि वे अपने प्रांत का यात्री निवास अयोध्या में बनाएं। यह यात्री निवास हर राज्य की अपनी स्थापत्य और संस्कृति का प्रतिबिंब केवल भवन में ही न हो बल्कि खान-पान व वेशभूषा भी राज्य की यहां दिखाई दे। राज्य सरकारें इसके लिए उत्तरप्रदेश सरकार से अयोध्या में जमीन का आग्रह कर सकती हैं और न्यास भी इसके लिए अपना आग्रह करेगा। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट में देश के नागरिकों ने अपना योगदान दिया है और एक-एक पैसे का सार्थक उपयोग किया जाएगा। उन्होंने राम मंदिर निर्माण के बाद राम राज्य की परिकल्पना को साकार करने पर जोर देते हुए कहा कि इसके लिए हर सक्षम नागरिक को अपने से कमजाेर और पीड़ित व्यक्ति की यथासंभव सहायता करनी चाहिए और इस सहायता को ही मंदिर में जाकर अपने दान के रुप में अर्पित करना चाहिए।