मुंबई । सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले में दिल्ली की सड़कों से आवारा कुत्तों को हटाकर उन्हें आश्रय गृहों में रखने के निर्देश के बाद, अभिनेत्री एंजेला क्रिस्लिंस्की ने अपनी निजी और भावनात्मक यादें साझा कीं, जिसने उनके जीवन में आवारा कुत्तों के प्रति नज़रिए को हमेशा के लिए बदल दिया।
एंजेला ने दिल्ली की एक ठंडी रात का किस्सा सुनाते हुए कहा— “मैं एक सुनसान सड़क पर अकेली चल रही थी और महसूस हुआ कि कोई मेरा पीछा कर रहा है। तभी अचानक एक आवारा कुत्ता मेरे बगल में आकर चलने लगा। उस आदमी ने जो मेरा पीछा कर रहा था, कदम धीमे किए और फिर मुड़कर चला गया। कुत्ता तब तक मेरे साथ रहा जब तक मैं अपने घर के गेट तक नहीं पहुंच गई। फिर उसने पूंछ हिलाई और चुपचाप चला गया। उस रात मुझे समझ आया कि जानवर कितने निस्वार्थ और सुरक्षात्मक हो सकते हैं, भले ही वे आपको जानते न हों।”
एंजेला आज अपने घर में दो पालतू कुत्तों के साथ-साथ अपने इलाके के कई आवारा कुत्तों की भी देखभाल करती हैं। वह कहती हैं— “यह सोचकर मेरा दिल टूट जाता है कि उसके जैसे कुत्ते, जो बिना कुछ मांगे इंसानों की रक्षा और प्यार करते हैं, उन्हें सड़कों से हटाया जा सकता है। आवारा कुत्ते कोई उपद्रव नहीं हैं, वे हमारे समुदाय का हिस्सा हैं।”
उनकी यह मार्मिक कहानी इंसान और जानवरों के बीच मौजूद उस अदृश्य बंधन को उजागर करती है, जो करुणा और सुरक्षा पर टिका है। एंजेला मानती हैं कि इंसानियत की असली कसौटी यही है कि हम उन मासूम प्राणियों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं, जो केवल एक हिलती हुई पूंछ और बेपनाह वफादारी के साथ हमें अपनाते हैं।