रांची। रांची में रेहड़ीवालों को अब फूड लाइसेंस लेना होगा। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम के तहत रेहड़ीवालों को निबंधित होकर लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया है। शहर के सदर अनुमंडल अधिकारी दीपक दुबे के निर्देश पर यह कार्रवाई की गयी है। इसकी वजह से अब सड़क किनारे चाय, पकौड़ी, भुंजा, गोलगप्पा-फुचका और किसी भी तरह का ठेला लगाने के लिए फूड लाइसेंस जरूरी होगा।
समाहरणालय परिसर में 15 फरवरी को रेहड़ीवालों के लाइसेंस को लेकर कैंप लगाया जा रहा है। इसके लिए होटल, रेस्टोरेंट, पानी विक्रेता, थोक खाद्य विक्रेता, डिस्ट्रीब्यूटर, स्टॉकिस्ट, मैन्यूफैक्चर, खुदरा खाद्य कारोबारी, शराब विक्रेता, ठेला-खोमचा वाले, फल-सब्जी विक्रेता लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं। लाइसेंस नहीं लेने वालों को छह माह की जेल या पांच लाख रुपए तक जुमार्ना हो सकता है।
खाद्य लाइसेंस लेने के लिए 100 रुपये से पांच हजार रुपये तक का लाइसेंस फीस देना होगा। सलाना 12 लाख रुपये से कम का कारोबार करनेवालों के लिए 100 रुपये का लाइसेंस फीस तय किया गया है। 12 लाख से अधिक का टर्नओवर होने पर दो हजार रुपए प्रतिवर्ष का शुल्क देना होगा। वहीं मैन्युफैक्चरर्स को 3 से 5 हजार रुपए प्रति वर्ष लाइसेंस फीस देना होगा। आवेदकों को एक फोटो पहचान पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो, पहचान पत्र में व्यवसाय स्थल का पता दर्ज नहीं है तो व्यवसाय स्थल के स्वामित्व का दस्तावेज जैसे होल्डिंग संख्या या रेंट एग्रीमेंट।
स्ट्रीटफूड वालों को अब लेना होगा लाइसेंस
12 लाख से अधिक टर्नओवर वाले को फूड लाइसेंस लेना होगा इसके लिए प्रतिष्ठान के प्रोपराइटर, पार्टनर, डायरेक्टर का लेटर हेड में पूरा विवरण के साथ डिक्लीयरेशन या पार्टनरशिप डीड की कॉपी देनी होगी।