Supertech Twin Tower : आखिरकार धूल में मिला गया सुपरटेक के ट्विन टावर को

भ्रष्टाचार के कारण सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सुपरटेक की बहुमंजिला ट्विन टावर को गिरा दिया गया। नोएडा ट्विन टावरों को गिराने से पहले आसपास की सोसायटियों में रसोई गैस और बिजली की आपूर्ति काट दी गई थी। सुरक्षित डिमोलिशन के लिए ट्विन टावर के नजदीक हवन पूजन भी किया गया।

नोएडा। भ्रष्टाचार करना और निर्धारित नियमों को ताक पर रखकर मनमानी करना कितना नुकसान कर सकता है, देश और दुनिया के लोग आज नोएडा में देख सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सेक्टर 93 के ट्विर टावर को बारूद के सहारे धमाका करके गिरा दिया गया। इसको सुपरटेक ने बनाया था। तमाम विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति में पूरी सुरक्षा व्यवस्था के साथ इसे गिरा दिया गया।

सुपरटेक की ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने तकनीकी आधार पर निर्माण को संतोषजनक नहीं पाया और तदनुसार दोनों टावर को ध्वस्त करने के आदेश जारी किए हैं। हम सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का सम्मान करते हैं, इसे लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बयान में कहा गया है कि प्राधिकरण को पूरा भुगतान करने के बाद हमने टावर का निर्माण किया था। हालांकि, माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने तकनीकी आधार पर निर्माण को संतोषजनक नहीं पाया है और दोनों टावरों को ध्वस्त करने के आदेश जारी किए। हम सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का सम्मान करते हैं और उसे लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमने एक विश्व प्रसिद्ध कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग को ध्वस्त का काम सौंपा है, जिनके पास ऊंची इमारतों को सुरक्षित रूप से गिराने में विशेषज्ञता है। हमने करीब 70000 से अधिक लोगों फ्लैट्स तैयार करके दे दिए हैं। बाकि लोगों को भी निर्धारित समय में दे दिए जाएंगे।

बता दें कि 32 मंजिला एपेक्स (100 मीटर) व 29 मंजिला सियान (97 मीटर) टावर में 3500 किलोग्राम विस्फोटक लगाकर तारों से जोड़ दिया गया था। यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ट्विन टावर के आसपास छह से अधिक अस्थायी मशीनों को लगाया है। इनकी मदद से टीम 31 अगस्त तक वायु प्रदूषण पर निगरानी रखेगी। रोजाना दस बजे वायु प्रदूषण के आंकड़े जारी किए जाएंगे। साथ ही, अन्य मशीनों से भी वायु गुणवत्ता सूचकांक देखा जाएगा। अफसरों ने बताया कि करीब 15 मिनट में धूल हटने की संभावना है।

बीजेपी नेता कपिल मिश्रा का कहना है कि ट्विन टावर को गिराए जाने की बजाय यहां अस्पताल-हॉस्टल खोलने का आदेश दिया जा सकता था। उन्होंने कहा, ‘जिसने बनाई उसे सजा नहीं, जिसने बनवाई उसे सजा नहीं, इतनी बड़ी बिल्डिंग में अस्पताल, हॉस्टल, बुजुर्गों का निवास, निराश्रित महिलाओं का आश्रय कुछ भी बनाने का ऑर्डर दे देते। दिवाली पर पटाखे नहीं चलाने देते माननीय और खुद इतना पॉल्यूशन करने वाला ऑर्डर दे दिया।’