नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सत्ता की लड़ाई अब देश के सबसे बड़े अदालत तक पहुंची है। राज्य सरकार के साथ ही शिवसेना के आंतरिक राजनीति का भी फैसला होगा। सोमवार को हो रही है इस सुनवाई पर सबकी नजर है। बगावत करने वाले 16 विधायकों को डिप्टी स्पीकर की ओर से नोटिस दिए जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। गुवाहाटी में डेरा डाले शिव सेना के बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे ने सु्प्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और अयोग्यता के नोटिस को चुनौती दी है।
कई दिनों से जारी महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट का कोई हल नहीं दिख रहा है। राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और शिवसेना के बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे के अपने तर्क और दावे हैं। 15 विधायकों को अयोग्य करार देने के खिलाफ मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा है। इसके साथ ही अजय चौधरी को विधायक दल का नेता चुने जाने के फैसले को भी चुनौती दी है।
आज सुनवाई होगी। याचिका पर आज जस्टिस सूर्यकांत और जेबी पारदीवाला की अवकाशकालीन बेंच सुनवाई करेगी। एकनाथ शिंदे की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे पेश होंगे तो दूसरी तरफ शिवसेना की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी। शिंदे के अलावा 15 अन्य बागी विधायकों को ऐसा नोटिस भेजा गया है। शिंदे गुट ने शिव सेना विधायक दल का नेता अजय चौधरी को नियुक्त किए जाने को भी चुनौती दी है। इन विधायकों के पास 27 जून की शाम तक का ही समय है, ऐसे में तब तक सुप्रीम कोर्ट का कोई निर्देश या स्टे नहीं आता है तो उनके लिए मुश्किलें बढ़ जाएंगी।