देश की स्वतंत्रता आंदोलन में स्वामी विवेकानंद के विचारों की रही अहम भूमिका : स्वामी शांतात्मानंद जी

राज्यसभा सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने कहा भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में साल 1905 में लोकमान्य तिलक जी के पूर्ण स्वराज की मांग से शुरू होती है। अपने विचार में लोकमान्य तिलक ने कहा कि उनके पूर्ण स्वराज की मांग के पीछे स्वामी विवेकानंद जी के विचारों का शक्तिपुंज है।

नई दिल्ली। राज्यसभा सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने कहा भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में साल 1905 में लोकमान्य तिलक जी के पूर्ण स्वराज की मांग से शुरू होती है। अपने विचार में लोकमान्य तिलक ने कहा कि उनके पूर्ण स्वराज की मांग के पीछे स्वामी विवेकानंद जी के विचारों का शक्तिपुंज है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने दुनिया के मंच पर भारतीय ज्ञान परंपरा का जो विपुल ज्ञान दिया, जिसके बाद पूरी दुनिया की नज़र भारत पर पड़ी। स्वामी जी के शिकागो धर्म संसद से भारत की मनीषा को अखिल जगत ने स्वीकार किया। स्वामी जी ने अपना पूरा जीवन देश और समाज के लिए दिया।
सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी राजधानी दिल्ली के रामकृष्ण मिशन आश्रम में आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन भारत के आजादी के अमृत महोत्सव के संदर्भ में किया गया था। इस अवसर पर कई बच्चों को सम्मानित किया गया।

बता दें कि बीते सात मई को रामकृष्ण मिशन के दिल्ली आश्रम की ओर से एक निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कई कॉलेज के छात्रों ने भाग लिया था। निबंध का विषय था – स्वामी विवेकानंद और भारत की आजादी।रामकृष्ण मिशन के सभागार में आयोजित समारोह में काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

रामकृष्ण मिशन दिल्ली के सचिव स्वामी शांतात्मानंद जी ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में स्वामी विवेकानंद जी के विचारों का बेहद योगदान रहा है। कई राष्ट्रीय नेताओं ने इनके बताए रास्ते और विचार का अनुसरण किया। उनका मिशन रहा कि देश को सर्वश्रेष्ठ स्थान पर ले जाया जाय। उन्होंने बताया कि रामकृष्ण मिशन समय समय पर इस प्रकार की प्रतियोगिता का आयोजन कराती रहती है। चूंकि, देश इस समय आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है, इसलिये हमने स्वामी विवेकानंद जी के विचारों को आज के युवाओं तक पहुंचाने के लिए इस विषय पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया। उन्होंने कहा कि मुझे बेहद खुशी है कि काफी संख्या में कॉलेज के युवक-युवतियों ने इसमें भाग लिया। आज हमने उन्हें सम्मानित किया है।

स्वामी शांतात्मानंद जी ने बताया कि स्वामी विवेकानंद के विचार पूरी दुनिया के लिये प्रासंगिक है। व्यक्ति के चरित्र निर्माण और राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए उन्होंने कई बातें कहीं हैं। हम समय समय पर कई प्रकार के कार्यक्रम करते रहते हैं, जिसमें समाज के हर वर्ग की भागीदारी होती है।