नई दिल्ली। जो कुछ दिखा है, उससे ज्यादा जो नहीं दिखा है, वह बाकी है, दोस्त ! विभव को उसी दिन गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया ? मुख्यमंत्री केजरीवाल अपने आवास में ही थे तो बाहर क्यों नहीं आये ? विभव को इतनी शक्तियां किसने दीं ? अब केजरीवाल भाजपा मुख्यालय पर प्रदर्शन कर यह कह रहे हैं कि भाजपा हमारी आप पार्टी को खत्म करने पर तुली है और ऑपरेशन झाड़ू चला रही है । प्रधानमंत्री हमारे पीछे पड़े हैं और कह रहे हैं कि आतिशी और सौरभ को भी गिरफ्तार किया जायेगा । क्या देश ऐसे चलता है? हमने प्रधानमंत्री बनाया था, थानेदार नहीं !
दूसरी ओर पीड़िता व सांसद स्वाति मालीवाल कहती हैं कि कभी हमारी पार्टी आप ‘निर्भया’ को इंसाफ दिलाने के लिए सड़कों पर उतरती थी, अब आरोपी विभव को बचाने के लिए सड़कों पर उतर आई है ! यह वैचारिक अवमूल्यन है कि नहीं? स्वाति मालीवाल ने पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को याद करते कहा, यदि वे जेल से बाहर होते तो शायद उनके साथ इतना बुरा नहीं होता !
यदि मुख्यमंत्री केजरीवाल की बात पर जायें तो भाजपा कैसे ऑपरेशन झाड़ू चला पाती, यदि आप अवसर नहीं बनाते? क्या जो कुछ आपके आवास पर हुआ है, वह भाजपा द्वारा प्रायोजित है? नहीं, बिल्कुल भी नहीं ! फिर भाजपा पर आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांकिये कि एक मुख्यमंत्री के आवास पर अपनी ही पार्टी की महिला सांसद पर ऐसा हमला क्यों और कैसे? एक पीए की इतनी हिम्मत कैसे हुई और यह हिम्मत विभव को किसने दी?
अब प्रदर्शन का मुद्दा क्या है? क्या आपने स्वाति मालीवाल को बुला कर उससे सहानुभूतिपूर्ण बातचीत की ? अपके परिवार के सदस्य के साथ ऐसा कांड हो गया और आपने उससे हाल तक नहीं पूछा? आप प्रधानमंत्री को थानेदार करार दे रहे हो, आप खुद कैसा व्यवहार कर रहे हो ? स्वाति की तकलीफ कहीं ओर है। इसीलिए वह मनीष सिसोदिया को मिस कर रही है! तो स्वाति मालीवाल की असली पिक्चर अभी बाकी है, दोस्त! क्या स्वाति मालीवाल द्वारा की गयी नियुक्तितियों को उपराज्यपाल द्वारा निरस्त किये जाना भी इस दुर्व्यवहार की वजह हो सकती है?