मॉनसून के दौरान आम बीमारियों से कैसे बचें और अपनी इम्युनिटी बढ़ाएं

अमोल नाइकावाड़ी

मॉनसून का मौसम आ चुका है, वैसे तो बारिश से काफी चीजें बेहतर हो सकती हैं, लेकिन यह आपके इम्युन सिस्टम पर भी बुरा प्रभाव डाल सकती हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि बारिश का मौसम कीटाणुओं के पनपने और फलने-फूलनें के लिए एक सही वातावरण तैयार करता है। मॉनसून के मौसम में अपनी इम्युनिटी को बेहतर बनाना और कोल्ड, फ्लू, रैशेज, बुखार और सामान्य कमजोरी से बचाव जरूरी है। खासकर, छोटे बच्चों और बुजुर्गों का भी ध्यान रखना आवश्यक है।

मॉनसून की काफी सारी बीमारियों पर हमारा तब तक ध्यान नहीं जाता है, जब तक किसी की सेहत पर गंभीर और नकारात्मक प्रभाव ना पड़े। यदि आप बारिश में भीगने का आनंद लेना चाहते हैं, लेकिन मॉनसून में बीमार पड़ जाने की चिंता है तो समय पर बीमारी का पता लगाना और कुछेक सुरक्षात्मक उपाय तथा साफ-सफाई की बातों का ध्यान रखने से आप खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।

इम्युनिटी को बेहतर बनाने के लिए नीचे कुछ टिप्स दिए गए हैं:
• विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थ: सिर्फ एक नहीं, बल्कि कई रूपों में आपके इम्युन सिस्टम को विटामिन सी से फायदा मिल सकता है। यह संक्रमणकारी बीमारियों से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। इसके साथ ही, इम्युन को प्रेरित करने वाली कोशिकाओं के निर्माण और सेलुलर इम्यूनोलॉजिकल प्रतिक्रिया को बढ़ाता है। विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थों में शामिल है, सिट्रस फल, नींबू, लाइम, हरी और लाल शिमला मिर्च, ब्रूसल्स स्प्राउट्स, ब्रोकली, हरी पत्तेदार सब्जियां और टमाटर। शरीर के स्वस्थ होने की प्रक्रिया के लिए भी विटामिन सी बेहद जरूरी है।

• सनशाइन विटामिन: आमतौर पर, विटामिन डी को सनशाइन विटामिन के नाम से जाना जाता है। यह आपके इम्युन सिस्टम को मजबूती देने वाला एक और तत्व है। यदि आपके शरीर में पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी ना हो तो आपको सामान्य बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी पाने के लिए अपने भोजन में वसायुक्त मछलियां, डेयरी प्रोडक्ट्स और अंडे के पीले भाग को शामिल करें। इसके साथ ही, आहार शाकाहार/वीगन और मशरूम युक्त हो। सुबह के समय थोड़ी देर धूप में बिताना ना भूलें, इससे आपके शरीर को कोलेस्ट्रॉल से विटामिन डी बनाने में मदद मिलेगी।

• ओमेगा-3 फैटी एसिड: आवश्यक ओमेगा-3 फैटी एसिड ना केवल आपके इम्युन सिस्टम को मजबूती देता है, बल्कि आपके दिल और दिमाग को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है। यह आपके शरीर में व्हाइट ब्लड सेल्स को बढ़ाने का काम करता है, जिससे खतरनाक बैक्टीरिया और वायरस दूर रहते हैं। वसायुक्त मछलियां, अखरोट, अलसी, चिया सीड्स और वनस्पति तेल भी ओमेगा-3 के अच्छे स्रोत हैं। सूजन को कम करते हुए, ओमेगा-3 फैटी एसिड के सूजन-रोधी गुण, रोगों से ठीक होने की गति को बढ़ा सकते हैं।

• व्यायाम: नियमित व्यायाम करने से ना केवल आप स्वस्थ रहते हैं, बल्कि आपका इम्युन सिस्टम भी मजबूत होता है। व्यायाम करने से सेरोटोनिन सिंथेसिस बढ़ता है और रक्त का संचार बेहतर होता है। कुछ असामान्य वर्कआउट का चुनाव करें जोकि आपके बॉडी टाइप के अनुसार हो, फिर उसके साथ आगे बढ़ना शुरू करें।

• आनुवंशिक जांच: आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कैसे प्रतिक्रिया करती है, उस पर अनुवांशिकता का उल्‍लेखनीय प्रभाव होता है, जिससे बीमारियों से लड़ने की आपकी क्षमता पर असर पड़ता है। किसी बीमारी के प्रति किसी व्यक्ति की संवेदनशीलता का पता लगाने के लिए आनुवंशिक जांच कराने की सलाह दी जाती है। यदि किसी प्रकार की समस्या है तो इससे उसके होने और उसके तत्काल इलाज कराने में सहयोग मिलेगा।

• अपनी स्वच्छता का ध्यान रखें: खाना बनाने से पहले और बाथरूम का इस्तेमाल करने के बाद, अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं। जब भी छींकें या खांसें अपने मुंह को टिशू से ढंकें या हाथों पर खांसने की बजाय अपनी कुहनी पर खांसें। चोट लग जाने पर उस स्थान को अच्छी तरह धोएं और पट्टी लगाएं। किसी भी प्रकार की गंभीर चोट लगने, जानवर या इंसान के काटने पर डॉक्टर से जरूर दिखाएं। जख्म वाली जगह, निशानों पर हाथ ना लगाएं या मुंहासों को दबाएं नहीं। ऐसा करने से कीटाणु अंदर प्रवेश कर जाते हैं।

• टीकाकरण: कई सारे संक्रमणों की रोकथाम टीकाकरण से की जा सकती है। हालांकि, इसके कुछ हल्के-फुलके प्रभाव हो सकते हैं जैसे हाथ में सूजन या हल्का बुखार, लेकिन आमतौर पर टीके सुरक्षित और प्रभावी होते हैं। अपनी इम्युन की स्थिति के लिए अपने चिकित्सक से सलाह लें।

• खाद्य सुरक्षा और साफ पीने का पानी- वैसे तो ज्यादातर फूड पॉइजनिंग के मामले जानलेवा नहीं होते, लेकिन उनमें से कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्या पैदा कर सकते हैं, जिसमें किडनी का फेल होना और मेनिनजाइटिस या दिमागी बुखार की समस्या शामिल है। आप अपने घर में खाने-पीने की चीजों को बनाने और उन्हें स्टोर करने के दौरान सुरक्षा का ध्यान रखकर फूड पॉइजनिंग के ज्यादातार मामलों को रोक सकते हैं।

इन बीमारियों के संपर्क में आने से बचने के लिए यहां कुछ सावधानियां दी गई हैं:
• ठहरे हुए पानी को साफ करें: मच्छरों के लिए ठहरा हुआ पानी पनपने की बिलकुल सही जगह बन जाती है। इसलिए, इस बात का ध्यान रखें कि घर में कोई भी खुला पानी का स्टोरेज ना हो। यदि आपके पास है तो उसे सही तरीके से ढक्कन लगाकर ढंकें। इसी तरह आपके घर के आस-पास कोई नाली या गीली जगह हो, उसके बारे में बताएं। इससे मलेरिया जैसी नुकसानदायक बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है।
• नहाने के लिए डिसइंफेक्टेंट का प्रयोग: यदि आप कहीं जा रहे हैं या सफर कर रहे हैं तो शायद आप बारिश में पानी में भीग सकते हैं। वैसे बारिश बच्चों के खेलने का मजेदार समय होता है। इसलिए, बारिश में कहीं बाहर से घर आने के बाद अपने नहाने के पानी में डिसइंफेक्टेंट डालना ना भूलें। इससे मॉनसून में होने वाली बीमारियों से बचाव हो पाएगा।

• जंक ना खाएं: बारिश के दौरान सड़क किनारे खाने से पूरी तरह बचना चाहिए। गीले मौसम में यदि खाना खुला छोड़ दिया जाए तो उस पर सूक्ष्म जीव पनपते हैं और अपनी संख्या बढ़ा सकते हैं। ऐसे में फूड पॉइजनिंग या अन्य बीमारियों के होने का खतरा काफी ज्यादा होता है, चाहे वह डिश देखने में कितनी भी स्वादिष्ट क्यों ना लग रही हो।

हमें भारत में फैलने वाली मॉनसून की सामान्य बीमारियों से सावधानी बरतनी चाहिए, साथ ही साथ मॉनसून और उसके साथ आने वाली राहत का भी आनंद लेना चाहिए। उपरोक्त में से कोई भी लक्षण नजर आने पर खुद अपना इलाज ना करें या अपने मन से दवाई ना लें; इसकी जगह अपने प्राइमरी केयर डॉक्‍टर से तत्काल परामर्श ले।

(अमोल नाइकावाड़ी, जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर एवं प्रिवेंटिव हेल्थकेयर स्पेशलिस्ट, इंडस हेल्थ प्लस)