तालिबान ने लड़कियों की यूनिवर्सिटी पढ़ाई पर लगाया बैन, ब्रिटेन PM सुनक ने जताई चिंता

तालिबान ने अफगानिस्तान में महिलाओं के विश्वविद्यालयों में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है यही नहीं तालिबान ने अफगान महिलाओं को विश्वविद्यालयों में प्रवेश करने से रोकने के लिए कंटीले तारों और सशस्त्र गार्डों का इस्तेमाल किया है। तालिबान के इस फैसले के बाद महिलाओं में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। तालिबान के इस फैसले की पुरे दुनिया में आलोचना हो रही है।


अफगानिस्तान की महिलाए विश्वविद्यालयों के बहार प्रदर्शन कर रही है और अपने मूल अधिकार दिए जाने की मांग कर रही है।अब तालिबान के इस फरमान पर प्रतिक्रिया देते हुए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने टवीट कर लिखा की बेटियों के पिता के रूप में मैं ऐसी दुनिया की कल्पना नहीं कर सकता जिसमें उन्हें शिक्षा से वंचित रखा गया हो। अफगानिस्तान की महिलाओं के पास देने के लिए बहुत कुछ है। उन्हें विश्वविद्यालय में प्रवेश से वंचित करना एक गंभीर कदम है। दुनिया देख रही है। हम तालिबान का आकलन उसके कार्यों से करेंगे।सिर्फ ऋषि सुनक ही नहीं संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी इस तालिबानी फरमान पर अपनी प्रतिक्रिया दी और लिखा की मुझे इस रिपोर्ट से गहरा धक्का लगा है कि तालिबान ने विश्वविद्यालयों में महिलाओं और लड़कियों की पहुंच को निलंबित कर दिया है। शिक्षा से इनकार समान अधिकारों का उल्लंघन करता है और देश के भविष्य पर इसका विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा।मैं तालिबान से सभी के लिए शिक्षा तक समान पहुंच सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं। वही अफगान व्हीलचेयर बास्केटबॉल टीम की पूर्व कप्तान नीलोफर बायत ने कहा की 1.5 साल लड़कियों के लिए स्कूल बंद थे, अब विश्वविद्यालयों का समय है। तालिबान महिलाओं के अधिकार छीन रहा है। महिलाओं पर हर दिन नए प्रतिबंध लगाए जाते हैं, मानवाधिकार संगठनों और अन्य देशों को हमें अकेला नहीं छोड़ना चाहिए।