तालिबान का हुआ अफगानिस्तान, शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण की तैयारी

तालिबान ने राजधानी काबुल को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। चर्चा जोरों पर है कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी अपने पद से इस्तीफा देंगे। शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता का हस्तांतरण होगा। संभव है कि राष्ट्रपति अशरफ गनी अपने परिवार को लेकर किसी दूसरे देश में शरण ले सकते हैं।

काबुल। आखिरकार तालिबान के आगे अफगानिस्तान सरकार ने घुटने टेक दिया। बीते कुछ दिनों से जारी तालिबान की मिशन सफल रहा। राजधानी काबुल को तालिबानी ने अपने कब्जे में ले लिया। अब शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता हस्तांतरण की प्रकिया जारी है । ऐसी भी खबरें हैं कि अफगानिस्तान सरकार ने तालिबान के सामने पूरी तरह से घुटने टेक दिए हैं और दोनों के बीच शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता के हस्तांतरण को लेकर चर्चा चल रही है।

स्थानीय मीडिया के अनुसार कार्यवाहक आंतरिक मंत्री अब्दुल सत्तार मिर्जाकवाल ने कहा कि काबुल पर हमला नहीं किया जाएगा और संक्रमण शांतिपूर्वक होगा। उन्होंने काबुल निवासियों को आश्वासन दिया कि सुरक्षा बल शहर की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।

तालिबान ने कहा कि उसकी काबुल को बलपूर्वक कब्जाने की योजना नहीं है और अपने लड़ाकों को वहां से जाने के इच्छुक लोगों को निकलने देने को कहा है। इस बीच काबुल में संघर्ष को देखते हुए यूएई की विमानन कंपनी फ्लाईदुबई ने सोमवार से अफगान की राजधानी के लिए अपनी सभी उड़ानों को सस्पेंड करने का ऐलान किया है।

असल में, जब से अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान छोड़ा था, उसके बाद से ताबिलान की सक्रियता देखी जा रही थी। बीते कुछ सप्ताह में यह तेज हो गई। गौर करने योग्य यह भी है कि दो दशक की लड़ाई के बाद अफगानिस्तान से अमेरिकी और नाटों बलों की संपूर्ण वापसी से पहले तालिबान देश पर हर ओर से कब्जा करता जा रहा है, राजधानी काबुल तेजी से अलग-थलग पड़ती जा रही है और रविवार सुबह चरमपंथी संगठन ने जलालाबाद पर कब्जा कर लिया जिसके कारण काबुल देश के पूर्वी हिस्से से कट गया है।

काबुल के अलावा जलालाबाद ही ऐसा इकलौता प्रमुख शहर था जो तालिबान के कब्जे से बचा हुआ था। अब अफगानिस्तान की केंद्रीय सरकार के अधिकार में काबुल के अलावा सात अन्य प्रांतीय राजधानी बची हैं। तालिबान ने रविवार सुबह कुछ तस्वीरें ऑनलाइन जारी कीं जिनमें उसके लोगों को नांगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद में गवर्नर के दफ्तर में देखा जा सकता है।