नई दिल्ली। आज से ठीक 33 साल पहले भारतीय क्रिकेट टीम में पहली बार शामिल हुए एक खिलाड़ी ने अपना पहला मैच खेला था। पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच में जब बैटिंग करने के लिए यह खिलाड़ी (उस वक्त एक किशोर था) मैदान में उतरा, तब विपक्षी टीम ने इसे मजाक ही समझा था। हालांकि, उन्हें यह मजाक भारी पड़ा और भारतीय टीम के इस खिलाड़ी ने ऐसे-ऐसे रिकॉर्ड बनाए कि वो सब आज क्रिकेट के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है। टीम इंडिया को आज के दिन यानी 15 नवंबर 1989 को जो खिलाड़ी मिला था, उसे मास्टर ब्लास्टर भी बुलाया जाता है और क्रिकेट जगत का मसीहा भी और उसका नाम है सचिन रमेश तेंदुलकर। सचिन तेंदुलकर के इस मैच को याद करते हुए प्रज्ञान ओझा ने सोशल मीडिया पर अनोखे ढंग से इस घटना की याद दिलाई है।
प्रज्ञान ओझा ने दुनिया के दूसरे नंबर के माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू ऐप पर मंगलवार सुबह एक पोस्ट के जरिये भारतीय क्रिकेट के लिए महत्वपूर्ण इस सुनहरे दिन की याद दिलाई। प्रज्ञान ओझा ने महज 16 वर्षीय सचिन तेंदुलकर की टीम इंडिया के लिए खेलने के बाद मैदान में अपना बल्ला दिखाती हुई एक ब्लैक एंड वाइट तस्वीर पोस्ट करने के साथ लिखा, “एक ऐसा देश जिसके नागरिकों की आँखों में लाखों सपने बसते हैं, उसे अपने सपनों को हकीकत में बदलने की सबसे बड़ी प्रेरणा उस वक्त मिली जब एक 16 साल का लड़का टेस्ट क्रिकेट में हमारे महान देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए पहली बार मैदान में उतरा! फिर जैसा वो कहते हैं……बाकी इतिहास बन चुका है। मास्टर सचिन तेंदुलकर #15thNovember1989 #cricketonkoo”
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प्रज्ञान ने अपनी इस पोस्ट के साथ ही क्रिकेट जगत के उस महान खिलाड़ी के पहले मैच के किस्से को भी सामने लाने का काम किया, जिसे आज की पीढ़ी के लिए जानना जरूरी है। दरअसल, जब भी सचिन तेंदुलकर की बात आती है, तो इसमें कोई दो राय नहीं है कि उनके प्रशंसक ‘मास्टर ब्लास्टर’ द्वारा बनाए गए हर रिकॉर्ड को याद करके गर्व से फूले नहीं समाते। शतकों के शतक यानी 100 सेंचुरी से लेकर टेस्ट और एकदिवसीय मैचों में सर्वाधिक रन बनाने वाले सचिन तेंदुलकर वर्ष 2013 में संन्यास लेने के बाद भी, भारत में अभी भी किसी बड़े ट्रेंड से कम नहीं हैं।
सीरीज के पहले मैच में, भारत ने टॉस जीतने के बाद पाकिस्तान को बल्लेबाजी के लिए पहले उतारा और विपक्षी टीम ने 409 रन का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया। इमरान खान ने नाबाद 109 रन बनाए और जावेद मियांदाद ने 78 रन बनाकर उनका अच्छा साथ दिया। वहीं, इस भारी लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया 262 रन पर ही ढेर हो गई।
अपनी इस पहली छोटी सी पारी में सचिन केवल 15 रन ही बना सके थे और उन्हें पहला मैच खेलने उतरे पाकिस्तानी खिलाड़ी वकार यूनुस ने बोल्ड किया था। सचिन ने अपनी 28 मिनट लंबी पारी में 24 गेंदों का सामना किया और 62.50 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए। सचिन केवल एक ही पारी में बल्लेबाजी करने के लिए उतर पाए। और उन दिनों भारत और पाकिस्तान के मैचों में सपाट पिचें बनती थीं, क्योंकि कोई भी टीम एक-दूसरे से हारना नहीं चाहती थी।
इस दौरान सचिन ने पहली पारी में गेंदबाजी भी की और केवल एक ओवर डाला था, जिसमें उन्होंने 10 रन दिए थे। जबकि दूसरी पारी में सचिन ने चार ओवर डाले और 3.75 के औसत से 15 रन ही दिए। मैच की आखिरी पारी में, भारत ने शानदार खेल दिखाया और केवल तीन विकेट खोकर ही 303 रन बना लिए। उस वक्त संजय माजरेकर संकट मोचक की तरह सामने आए और उन्होंने 243 गेंदों में 113 रन बनाए और यह मैच ड्रा रहा था।