18वाँ मिथिला रंग महोत्सव का आयोजन 10 और 11 अगस्त को होगा

मैथिली नाटक ‘जनकनंदिनी’और ‘ग्रेजुएट पुतोह’ का मंचन होगा दिल्ली में

 

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मिथिलावासियों की कला, संस्कृति एवं साहित्य की सुप्रसिद्ध संस्था मैलोरंग यानि ‘मैथिली लोक रंग’ विगत सत्तह वर्षों से ‘मिथिला रंग महोत्सव’ का आयोजन करता आ रहा है । इस वर्ष यह अट्ठारहवाँ आयोजन है । इस आयोजन से हजारों की संख्या में मैथिली भाषी जुड़ते हैं । आयोजन में कलाओं के विभिन्न रूपों का प्रमुखता से प्रदर्शन किया जाता है । मुख्य केन्द्र विन्दु होता है मैथिली नाटकों का मंचन । इसके लिए देश की कई प्रमुख साहित्य संस्थाओं को, साहित्य कला प्रेमियों को आमंत्रित किया जाता है ।
इस वर्ष यह आयोजन राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय जो कि संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण स्वायत्त संस्थान है, के सम्मुख सभागार में आगामी 10 एवं 11 अगस्त को सायं 6:00 बजे से किया जाएगा । साथ ही आयोजन के प्रथम दिवस को यानि 10 अगस्त को इसकी शुरुआत ‘अष्ट्दल कला अकादमी’ की ओर से ‘दुर्गा-अष्टकम’ नृत्य से किया जाएगा, जिसे सुश्री अनुराधा कुमारी ने तैयार कराया है । इसी शाम दूसरा आयोजन साहित्य से संबंधित है, जिसमें विजया बुक्स’ प्रकाशन द्वारा श्री संतोष कुमार का लिखित पुस्तक का मैथिली अनुवाद जिसे डॉ. प्रकाश का ने किया है, का लोकार्पण किया जाएगा । तीसरे चरण में पाँच कविताओं का मंचन श्री रमण कुमार के मार्गदर्शन में ‘मंथन’ नाम से प्रस्तुत किया जाएगा । आयोजन का चौथा एवं अंतिम चरण ‘जय जोहार फॉउण्डेशन’ की ओर से सुप्रसिद्ध कथाकार स्व० हरिमोहन झा की रचना ‘ग्रेजुएट पुतोहु’ का मंचन सुश्री ज्योति झा के निर्देशन में होगा । इस कहानी को प्रस्तुति आलेख के रूप में डॉ. प्रकाश झा ने तैयार किया है ।
दिनांक 11 अगस्त को कार्यक्रम की शुरुआत मिथिला की सुप्रसिद्ध लोक नृत्य ‘झिझिया’ से होगा । इस प्रस्तुति को ‘अष्टदल’ दिल्ली के बच्चों के द्वारा सुश्री अनुराधा कुमारी की देख देख में तैयार किया गया है । इसके तुरंत बाद मिथिला की बेटी ‘सीता’ के जीवन पर आधारित नाट्य प्रस्तुति ‘जनकनंदिनी’का मंचन होगा । यह नाटक मूलरूप से सीता के मनःस्थिति एवं उसके सम्पूर्ण जीवन पर केन्द्रित है । काव्यातम् रूप से लिखे इस आलेख में नृत्य, गायन और अभिनय तीनों का संगम देखने को मिलेगा । नाट्य प्रस्तुत ‘जनकनंदिनी’ को ‘द साउण्ड ऑफ साइलेंस’ से इंगित किया गया है । इस मार्मिक नाट्यालेख को रचा एवं निर्देशित किया है डॉ. प्रकाश झा ने । प्रस्तुति ‘मैलोरंग रेपर्टरी’ के पाँच महिला कलाकारों को लेकर तैयार किया गया है ।
कुल मिलाकर दिल्ली एवं एन. सी. आर. में रहने वाले मैथिली भाषी एवं कला प्रेमियों के लिए यह सप्ताहंत सुखमय गुजरने वाला है ।