गाजा सिटी। इजराइल के जंगी जहाज आते हैं और तबाही मचा कर चले जाते हैं। आकाश से नूर नहीं, आग के गोले बरसते हैं। कौन सा पल आखिरी हो, कहा नहीं जा सकता है ? कब किसकी सांसें आखिरी हो, कोई सोच नहीं सकता है। ध्वनि से भी तेज गति से जहाज आकर क्षण भर में सबकुछ तबाह कर दे, किसी को नहीं पता है।
यह किसी सिनेमा की कहानी नहीं, बल्कि गाजा सिटी की वास्तविकता है। इजराील के जंगी जहाज से उनका रूह कांप रहा है। हर पल के आखिरी पल होने का खौफ उन्हें सता रहा है। क्यों, उनकी रिहायशी इमारत को निशाना बनाया जा रहा है। गाजा सिटी में 50 वर्षीय उम्म माजिद अल रईस को अपनी और अपने चार बच्चों की इजराइल के हवाई हमले से जान बचाने के लिए पड़ोस के घर में शरण लेनी पड़ी, क्योंकि इजराइल के जंगी जहाजों ने उनकी रिहायशी इमारत को निशाना बनाया है।
बता दें कि इजराइल और गाजा पट्टी के बीच 2014 की जंग के बाद से सबसे भीषण हिंसा में इस हफ्ते हताहतों की संख्या बढ़ गई है जबकि अल रईस और अन्य फलस्तीनियों का सवाल है, “ हम कहां जाएं?” अल रईस ने पड़ोस के घर से फोन पर बताया, “ पूरा क्षेत्र एक छोटा सा हिस्सा है। यह एक जेल है। आप कहीं भी जाएं, आप निशाने पर हैं।” उन्होंने पड़ोस के घर में अपने किशोर बेटे- बेटियों के साथ शरण ली है। उन्होंने कहा कि बिना चेतावनी के इजराइल ने हवाई हमले किए।
एक महिला ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि इजराइल के विमान ने बुधवार को एक दो मंजिला इमारत को निशाना बनाया जिसमें उनका चार वर्षीय पोता और गर्भवती बहू की मौत हो गई। वहीं, उम्म मोहम्मद अल तलबानी ने अस्पताल में बताया, “ उन्होंने बिना चेतावनी के बम दाग दिए। घर में बच्चों के अलावा कोई न था।”
गाजा के निवासियों ने पहले की जंगों को याद करते हुए कहा कि वे कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। वे इस संकरी क्षेत्र को नहीं छोड़ सकते हैं जो दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले स्थानों में से एक है।
असल में, गाजा में 20 लाख लोग रहते हैं और यहां पर हवाई हमलों को लेकर सायरन या सुरक्षित घर नहीं हैं। बीते सालों में हुए टकरावों में संयुक्त राष्ट्र के अस्थायी आश्रय स्थलों तक पर हमला हुआ है। पिछले दो सालों में, इजराइल ने हवाई हमलों के जरिए तीन बड़ी इमारतों को ध्वस्त किया है जिनमें हमास के अहम दफ्तर थे। इजराइल ने पहले चेतावनी के लिए गोलियां चलाईं ताकि इमारत में रहने वाले लोग भाग सकें।
लड़ाकू विमानों ने बिना चेतावनी के कई रिहायशी इमारतों को निशाना बनाया है। इजराइल का आरोप है कि इन इमारतों में चरमपंथी रहते हैं। कुल मिलाकर सोमवार से गाजा में 16 बच्चों समेत 65 लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में चरमपंथी और आम नागरिक भी शामिल हैं। इनमें दो महिलाएं और बच्चे हैं जो इमारत पर हमले के दौरान मारे गए हैं।
इजराइल की सरकार लंबे अरसे से आरोप लगाती रही है कि जवाबी हमलों के दौरान हमास आम नागरिकों को मानव कवच की तरह इस्तेमाल करता है और चरमपंथी अक्सर असैन्य इलाकों से रॉकेट दागते हैं और रिहायशी इमारतों में कमान केंद्र स्थापित करते हैं। फिर भी इजराइल की हमास के साथ 2014 युद्ध में इमारतों को निशाना बनाने के लिए काफी आलोचना की गई थी।