नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलने की घोषणा की है। पहले यह राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार कहा जाता था, शुक्रवार की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कहा गया कि अब यह मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कहा जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे पूरे भारत के नागरिकों से खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखने के लिए कई अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं। उनकी भावना का सम्मान करते हुए, खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कहा जाएगा।
I have been getting many requests from citizens across India to name the Khel Ratna Award after Major Dhyan Chand. I thank them for their views.
Respecting their sentiment, the Khel Ratna Award will hereby be called the Major Dhyan Chand Khel Ratna Award!
Jai Hind! pic.twitter.com/zbStlMNHdq
— Narendra Modi (@narendramodi) August 6, 2021
इस घोषणा के बाद हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के सुपुत्र और हॉकी खिलाड़ी अशोक ध्यानचंद ने कहा कि राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार करने के लिए मैं सरकार, प्रधानमंत्री और खेल मंत्रालय का धन्यवाद करता हूं।
वहीं, केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर का कहना है कि भारत का सबसे बड़ा खेल सम्मान खेल रत्न हॉकी के लीजेंड के नाम पर करने का फैसला बहुत ही मुनासिब है। उमेजर ध्यानचंद भारत के सबसे प्रसिद्ध और प्रिय स्पोर्टिंग आइकन हैं; देश का सबसे बड़ा खेल सम्मान उनके नाम पर रखना बहुत ही मुनासिब है। उनका जीवन और उनकी सफलता खिलाड़ियों की पीढ़ियों को प्रेरित किया है, जिन्होंने भारत का गौरव बढ़ाया है।
मेजर ध्यानचंद जी ने अपने असाधारण खेल से विश्व पटल पर भारत को एक नई पहचान दी व अनगिनत खिलाड़ियों के प्रेरणास्त्रोत बने।
जनभावना को देखते हुए खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार करने पर प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी का हार्दिक धन्यवाद। https://t.co/J8tn30zW4o
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) August 6, 2021
असल में, भारतीय हॉकी के लिए टोक्यो ओलंपिक्स ऐतिहासिक क्षण साबित हुआ है। दोनों टीमें सेमी-फाइनल तक पहुंचने में सफल हुईं। पुरुष टीम ने 41 साल बाद जर्मनी को 5-4 से हराकर कांस्य पदक प्राप्त किया। उसके बाद देश के प्रतिभावान खिलाड़ियों के लिए उस महान खिलाड़ी के नाम पर पुरस्कार का नाम करने से बड़ा कोई सम्मान नहीं हो सकता।
हालांकि, कांग्रेस की ओर से विरोध शुरू हो गया है। कांग्रेस सांसद के सुरेश के मुताबिक, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है। राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे, उन्होंने देश को 21वीं सदी में लाने की अगुवाई की। उन्होंने खेल और युवा को प्रोत्साहित किया। सरकार इसका भगवाकरण करना चाहती है ।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि यदि भाजपा और केंद्र सरकार खेल के नाम पर राजनीति नहीं करे, तो बेहतर है।
मेजर ध्यानचंद जी का नाम अगर भाजपा और पीएम मोदी अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए न घसीटते तो अच्छा था।
राजीव गांधी जी इस देश के नायक थे, नायक रहेंगे। राजीव गांधी जी पुरस्कारों से नहीं, अपनी शहादत, अपने विचारों और आधुनिक भारत के निर्माता के तौर पर जाने जाते हैं: श्री @rssurjewala pic.twitter.com/1f1tpdDV5e
— Congress (@INCIndia) August 6, 2021