मोदी सरकार के खिलाफ किसानों ने पारित किया अविश्वास प्रस्ताव

कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विपक्ष के अन्य नेता कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।

नई दिल्ली। अब तक संसद भवन में विपक्षी दल द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता रहा है। शुक्रवार को यह पहली बार दिखा कि सदन के बाहर भी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है। जंतर-मंतर पर किसानों द्वारा आहूत किसान संसद में केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास किया गया।

राहुल गाँधी सहित 14 राजनीतिक दल के नेता किसान संसद में जंतर मंतर पर शामिल हुए। किसानों की लड़ाई को अपना सहयोग दिया तथा किसान की लड़ाई में समर्थन का निर्णायक निश्चय दोहराया। किसानों ने भी मोदी सरकार के ख़लिफ़ अविश्वास प्रस्ताव पारित किया। इस अवसर पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि आज विपक्ष की पार्टियां एकजुट होकर किसानों की समस्याओं व काले कानूनों को हटाने के लिए संघर्षरत हिंदुस्तान के किसानों को अपना समर्थन देने आई हैं।आज सभी विपक्षी पार्टियों ने काले कानूनों को हटाने के लिए अपना पूरा समर्थन दिया। हम संसद में पेगासस की बात करना चाहते हैं, वहां पर वो पेगासस की बात नहीं होने दे रहे हैं। नरेंद्र मोदी हर हिन्दुस्तानी के फोन के अंदर घुस गए हैं।

बता दें कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों ने आंदोलन का रास्ता अपनाया हुआ है। किसान आंदोलन को आठ महीने से भी अधिक समय हो चुका है लेकिन केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच किसी बात को लेकर सहमति नहीं बन सकी है। संसद का मानसून सत्र शुरू होने पर किसानों ने केंद्र को घेरने के लिए जंतर-मंतर पर डेरा डाला हुआ है। किसान वहां अपनी संसद चलाकर तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

वहीं, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि किसान यूनियन के लोग किसी राजनीतिक दल के लोगों को नहीं बुलाना चाहते हैं। ये तो ऐसी परिस्थिति हो गई कि ‘मान न मान, मैं तेरा मेहमान’।भारत सरकार दोनों सदनों में कृषि पर चर्चा करने के लिए तैयार है, अगर प्रतिपक्ष के लोगों के मन में किसानों के लिए थोड़ी भी​ चिंता है तो प्रतिपक्ष चर्चा क्यों नहीं कर रहा है।