बदली प्रदेश की तस्वीर, सुशासन से बने सुराज के हालात

भोपाल। बात सिर्फ बीस बरस पीछे की है, याद भी है, दोहराई भी जाती है और कान पर हाथ रखकर लोग इस बात के लिए लोग ईश्वर से प्रार्थना भी करते हैं कि ऐसे दिन दोबारा न देखना पड़ें। हालात अपने इसी प्रदेश में पसरे पड़े थे, जब आम जन की कोई सुनवाई नहीं थी, जनता के लिए जरूरी सेवाओं का हाल बेहाल था, दफ्तरों से हर छोटे बड़े काम को करवाना पैरों में छाले पड़ जाने का कारण बन जाता करता था, बिना लेनदेन किसी काम की कल्पना करना भी निरर्थक ही हुआ करता था, अपनी शिकायतों की पोटली लिए लोग घूमते रहते थे लेकिन उन्हें सुनने और उनका समाधान करने वाला कोई नहीं था, लोगों के आवेदन अपनी बारी आने के इंतजार में धूल का अंबार बन जाया करते थे। समय बदला और फिर सब कुछ बदलता गया। इतना बदलाव हुआ कि अब दोनों स्थितियों का अंतर साफ दिखाई देता है। बदला नजारा सुविधाओं वाला है, राहत देने वाला भी है और आनंद के अतिरेक में डूबो देने जैसा भी है। जनता जिस उम्मीद, भरोसे और विश्वास के साथ अपने लिए सरकार चुनती है, उनको अपना कर्तव्य मानकर किए गए कामों का नतीजा है कि मध्यप्रदेश सुशासन के जरिए सुराज तक पहुंच गया है। सिंगल सिटीजन डाटा बेस, सिंगल सर्विस डिलीवरी पोर्टल, सीएम जनसेवा योजना में मोबाइल से प्रदान सेवाओं का विस्तार, आईटी का बेहतर प्रयोग, मिशन कर्मयोगी के प्रभावी क्रियान्वयन ने आम जनजीवन को वह सब कुछ दिया, जिसके लिए वे लालायित भी थे और जिसके हकदार भी। लेकिन काम न करने की हठधर्मिता करने वालों ने दशकों प्रदेश को मुश्किलों में रखा। जब बदलाव की बयार आई तो दृश्य बदलता गया, प्रदेश नया स्वरूप पाता गया। बीस साल के बदले मध्यप्रदेश में अब साइबर तहसील की क्रांतिकारी अवधारणा लागू है, जिससे राजस्व प्रकरणों के निराकरण की कैशलैस और पारदर्शी प्रक्रिया लोगों को फायदा पहुंचा रही है। प्रदेश विकास की धारणा को आगे रखकर किए गए प्रयासों ने मप्र में ऐसी व्यवस्था बना ली है कि यहां लगाए जाने वाले उद्योग मात्र 30 दिन में प्रारंभ किए जा सकें। इसके लिए प्रदेश सरकार ने स्टार्ट योर बिजनेस इन 30 डेज की योजना को लागू कर दिया है। लोगों को सुरक्षा और सुकून भरी जीवनचर्या देने के लिए डॉयल 100 योजना लागू की गई है। इससे लोगों को किसी भी आपात स्थिति में तत्काल पुलिस सहायता प्राप्त हो रही है।
सुराज की धारणा को पूरा तभी माना जा सकता है, जब प्रदेश के हर नागरिक के हिस्से मूलभूत सुविधाओं का संबल मौजूद हो। मप्र सरकार ने अपने संकल्पों में सभी के लिए सड़क, बिजली, पानी, रोटी, कपड़ा, मकान, पढ़ाई-लिखाई, दवाई और कमाई की व्यवस्था को शामिल किया है। सरकार की मंशा ये भी है कि हितग्राहीमूलक योजना का लाभ हर पात्र व्यक्ति तक पहुँचे और एक भी पात्र हितग्राही इससे वंचित न रहे। इस प्रयास को पूरा करने के लिए सरकार ने पूरे प्रदेश में अपने दूत जनसेवा मित्र के रूप में तैनात किए हैं, जो योजनाओं के क्रियान्वयन पर सतत और पैनी नज़र रख रहे हैं। सरकार ने अपनी प्राथमिकताओं में जन.कल्याण, विकास और सुराज.तीनों क्षेत्रों में कार्य कर जनता की जिन्दगी को बदलने की धारणा को भी शामिल किया है। इससे आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए निर्धारित रोडमैप का प्रभावी क्रियान्वयन करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश में मौजूद सभी लोगों के लिए समान नजरिया रखते हुए मप्र सरकार ने अपने लक्ष्यों में गरीबों और कमजोर वर्गों के कल्याण को प्राथमिकता दी है। तय किया गया है कि इस वर्ग के लिए धन और अवसरों की कमी नहीं आने दी जाएगी। सुशासन से सुराज की धारणा को पूरे करते प्रदेश के ये 20 स्वर्णिम वर्ष आने वाले समय की धरोहर हैं। जिससे प्रदेश का हर जन लाभान्वित भी होता रहेगा और खुद को इस प्रदेश का नागरिक होने पर गौरांवित भी महसूस करेगा।