शिमला। लगातार जारी भारी बारिश ने हिमाचल प्रदेश में कहर बरपाया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रारंभिक अनुमान के अनुसार प्रदेश को लगभग 3,000 से 4,000 करोड़ रुपये तक का नुकसान आंका गया है। मुख्यमंत्री ने लगातार बारिश से हुए नुकसान का सटीक आकलन करने के लिए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में समिति की बैठक बुलाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने सोमवार को जिला हमीरपुर के नादौन से राज्य में भारी बारिश और भूस्खलन से हुए नुकसान की समीक्षा के लिए आयोजित राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता की। सभी संबंधित प्राधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम ठीक होने पर हेलीकॉप्टरों का उपयोग करके लाहौल-स्पीति और कुल्लू जिलों में फंसे लगभग 300 पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को निकालने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने प्रदेश में फंसे पर्यटकों की राज्यवार सूची तैयार करने के अलावा इन लोगों के ठहरने, भोजन और दवाओं इत्यादि सहित आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए।
उपायुक्तों को राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। सुक्खू ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार प्रभावित लोगों की सहायता के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि श्रीखंड महादेव यात्रा के दौरान छह मौतों की सूचना के उपरांत इस यात्रा को शेष सीजन के लिए रोकने के निर्देश दिए गए हैं। इस वर्चुअल बैठक में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव राजस्व ओंकार चंद शर्मा सहित अन्य संबंधित अधिकारियों ने भाग लिया।
मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार प्रभावितों की सहायता के लिए पर्याप्त धनराशि सुनिश्चित करेगी। सेब सीजन के दृष्टिगत उत्पादक क्षेत्रों में सड़कों की शीघ्र बहाली पर बल दिया। उन्होंने परवाणू-रोहड़ू, ठियोग से रामपुर, छैला से कुमारहट्टी सड़कों और अन्य सेब उत्पादन क्षेत्रों की सड़कों को खुला रखने और मलबा हटाने के लिए अतिरिक्त मशीनरी तैनात करने के निर्देश दिए। उन्होंने इन क्षेत्रों में तत्काल सड़क सुधार के लिए 4 करोड़ रुपये आवंटित करने के निर्देश दिए।