पटना। बिहार की राजनीति बीते कुछ दशक से लालू यादव के परिवार के बिना अधूरी है। कुछ सालों तक लालू यादव जेल में रहे। अब कुछ समय पहले बाहर तो आ गए हैं, लेकिन परिवार के झगड़ा ने उन्हें परेशान कर रखा है। उनके दोनों लाल यानी बेटे तेज प्रताप और तेजस्वी में बनती नहीं है। दोनों के अलग-अलग गुट बन चुके हैं। इसका लाभ कुछ नेता उठाते रहते हैं।
अब एक बार फिर बडे़ बेटा तेज प्रताप यादव ने मोर्चा खोल दिया है। लालू यादव दिल्ली में हैं। स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं और विपक्षी नेताओं के बीच अपने संबंधों को प्रगाढ़ कर रहे हैं। पटना से उनके बेटे की दिल्ली आने की खबर है। माना जा रहा है कि झगड़ा इतना बढ़ चुका है कि लालू को स्वयं बीच-बचाव करना होगा। वरना उनकी ही बनाई पाटी्र के कुछ लोग उनके परिवार को पलीता लगा देंगे।
तेजप्रताप की राजनीतिक खीझ और परिवार को लेकर पारा इतना अधिक चढ़ गया कि तेज प्रताप ने तेजस्वी को बच्चा, जगदानंद सिंह को शिशुपाल और संजय यादव को दुर्योधन तक कह दिया है। तेजस्वी के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव पर हमला बोलते हुए तेज प्रताप ने उनकी तुलना दुर्योधन और शकुनी से कर दी है। बाद में उन्होंने फेसबुक पर अपने भाई के साथ एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि कृष्ण और अर्जुन की जोड़ी को कोई तोड़ नहीं पाएगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बिहार की राजनीति में कई लोग तेजस्वी यादव को लालू यादव का स्वाभाविक उत्तराधिकारी मान रहे हैं। इस बात को तेजप्रताप पचा नहीं पा रहे हैं। बीते समय में जब उनकी पत्नी से अनबन हुई, मामला कोर्ट तक पहुंचा था, तब भी तेज प्रताप को राजद के कुछ नेता हाशिए पर ले जाने को बेताब थे। इस बार वही चाल चली जा रही है।