लोग हैं कि सुधरते नहीं, कोरोना का नहीं दिख रहा है डर

कोरोना की दूसरी लहर बेशक कम हुई हो, लेकिन लापरवाही तीसरी लहर को बुला सकती है। डाॅक्टर्स कोरोना अनुरूप व्यवहार के लिए बार-बार कह रहे हैं। दिल्ली के बाजार में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।

नई दिल्ली। दिल्ली अनलाॅक हो रही है। दिल्ली सरकार की ओर से पाबंदियों में छूट दी जा रही है। दूसरी ओर लोग कोरोना नियमों का पालन नहीं करते दिख रहे हैं। इसकारण कुछ बाजारों को दोबारा बंद भी करना पड़ा, बावजूद इसके कोई असर नहीं दिख रहा है। रविवार को दक्षिणी दिल्ली के सरोजिनी मार्केट, लाजपत नगर मार्केट, उत्तरी दिल्ली के कमला नगर मार्केट में लोग खूब खरीददारी करते दिखे। कइयों के चेहरे पर मास्क नहीं देखा गया। दो गज की निर्धारित दूरी का पालन तो किसी भी बाजार में नहीं किया जा रहा है।
हर दिन जब दिल्ली की शुरुआत होती है, तो आजादपुर मंडी, गाजीपुर मंडी, ओखला मंडी और महरौली मंडी में कोरोना के तमाम नियमों की धज्जियां उड़ाई जाती है। चार्टर बसों में कोई नियम नहीं दिखता है। ग्रामीण सेवा और फटफट सेवा में तो आप भूल ही जाइए। दिल्ली के तमाम रेलवे स्टेशनों का दौरा कर लें, तो आभास ही नहीं होगा कि यहां कभी कोरोना को लेकर पाबंदियां लगाई गई थीं।

विशेषज्ञों की ओर से बार-बार चेतावनी दी जा रही है कि यदि लोगों ने अपनी आदतों में सुधार नहीं किया, तो कोरोना की तीसरी लहर आएगी। कहा तो यह भी जा रहा है कि यह पहले से अधिक भयावह होगी। इयह समय का तकाजा है कि लोग सावधानी बरतें और मास्क पहनने के साथ ही साबुन से हाथ धोयें। दूरी बनाए रखना तो जरूरी है ही। हमने कोरोना के शुरुआती दौर में देखा कि लोग संयम बरत रहे थे लेकिन बाद में फिर अपनी पुरानी आदतों पर लौट आए। उसके बाद से नागरिक कर्तव्यों की अवहेलना हो रही है।
हमें याद रखना चाहिए कि गर्मियों में जब लू चलती है, तो लोग देह ढक लेते हैं। इसी तरह शीत ऋतु में जरूरी वस्त्र भी पहन लेते हैं, लेकिन प्राणलेवा कोरोना के प्रोटोकॉल का मजाक उड़ाया जा रहा है। आखिर क्यों? लोगों को यह बात समझ लेनी चाहिए कि यह जानलेवा बीमारी किसी को भी नहीं बख्शती और इसकी कोई कारगर दवा ही नहीं है। सिर्फ प्रोटोकॉल के पालन से ही इस पर नियंत्रण लगेगा।