राजनीति में चुनाव का समय बेहद महत्वपूर्ण होता है। साल 2024 भारतीय लोकतंत्र के महापर्व का गवाह बनने जा रहा है। सत्ता और विपक्ष में जनता के बीच अपनी पैठ बनाने को लेकर रेस लगी हुई है। इसमें सरकार पर काबिज राजनीतिक दलों पर कई एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगता रहा है। हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के कार्रवाई को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इससे पहले सीबीआई के साथ भी यही स्थिति देश देख चुकी है।
हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तीन बार ईडी की ओर से समन भेजा गया है। दिल्ली के कथित शराब घोटाले में उनसे पूछताछ होनी है। बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को नौकरी के बदले जमीन घोटाले में पूछताछ होना है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर बालू सहित कई घोटाले में पूछताछ के लिए ईडी की ओर से 7 बार समन भेजा चुका है। लेकिन, ये लोग ईडी के सामने पेश नहीं हो रहे हैं।
इन दिनों देश में दो मुख्यमंत्री कानून और जांच एजेंसियों को मुंह चिढ़ा रहे हैं। इनमें पहले मुख्यमंत्री दिल्ली के अरविंद केजरीवाल और दूसरे झारखंड के हेमन्त सोरेन हैं। दोनों मुख्यमंत्रियों को भ्रष्टाचार से जुड़े अलग-अलग मामलों में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी कई दफा नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुला चुकी है। लेकिन दोनों ईडी के सामने पेश न होने के बहाने बना रहे हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत को ईडी सात बार और केजरीवाल को तीन बार समन भेजी चुकी है। लेकिन दोनों पूरी ढिठाई और बेशर्मी से इस मामले में पॉलिटिकल विक्टिम कार्ड का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं। दोनों ईडी की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताते हैं। और केंद्र की मोदी सरकार पर अपने विरोधियों को दबाने के लिए जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हैं। असल में राजनीतिक आरोपों के आड़ में ये दोनों खुले तौर पर कानून और जांच एजेंसियों का मजाक उड़ा रहे हैं।बीती 3 जनवरी को अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति में कथित घोटाला केस में ईडी ने तीसरा नोटिस देकर बुलाया था। लेकिन केजरीवाल ने ईडी के सामने पेश होने से इंकार कर दिया। उन्होंने ईडी को जवाब भेजकर समन को अवैध करार दिया। जिस शराब घोटाले में केजरीवाल से पूछताछ होनी है, उस मामले में उनके दो बड़े नेता मनीष सिसौदिया और संजय सिंह महीनों से तिहाड़ में बंद हैं। मामला गंभीर है। जांच में केजरीवाल का नाम सामने आने के बाद से यह साफ है कि एजेंसी के पास उनके खिलाफ ठोस सुबूत होंगे। इस मामले में सीबीआई उनसे पूछताछ कर चुकी है। केजरीवाल अक्सर मीडिया और सार्वजनिक मंचों से छाती ठोककर खुद अपने को ईमानदारी का प्रमाण पत्र देते हैं। दस साल पुरानी आम आदमी पार्टी के दिल्ली और पंजाब के लगभग 20 नेता विभिन्न मामलों में जेल की सैर कर चुके हैं। इन दोनों राज्यों में आप की सरकार है।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से ईडी को जमीन घोटाले और अवैध खनन मामले में पूछताछ करनी है। ईडी उन्हें सात समन भेज चुकी है। लेकिन हेमंत लगातार पूछताछ से भाग रहे हैं। ईडी ने अपने सातवें समन में मुख्यमंत्री से यह पूछा था कि वो स्वयं पूछताछ के लिए जगह तिथि व समय बता दें, ताकि पूछताछ की जा सके। लेकिन मुख्यमंत्री ने जो जवाब भेजा है उसमें जगह तिथि व समय का जिक्र नहीं है।
इससे पहले कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को अलग अलग मामलों में ईडी पूछताछ कर चुकी है। देश के दूसरे दलों के नेताओं और कुछ मंत्रियों के खिलाफ ईडी में केस है। अब भाजपा से इतर दूसरे राजनीति दल कह रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर ईडी काम कर रही है और लोकसभा चुनाव 2024 को प्रभावित करना चाह रही है।
अभी तक ऐसा नहीं हुआ है कि किसी केंद्रीय एजेंसी ने पद पर मौजूद मुख्यमंत्री के ऊपर कार्रवाई की हो और उसके आधिकारिक आवास पर छापा मारा हो। लेकिन अब एजेंसियों की सक्रियता और मुख्यमंत्रियों के खिलाफ चल रही कार्रवाई को देखते हुए ऐसा कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री आवास पर भी छापा मारा जा सकता है। कम से कम दो राज्यों, दिल्ली और झारखंड में इस बात की बहुत तेज चर्चा चल रही