Traveling in Public Transport: ये हैं कोरोना काल में सफर करने के नए नियम

दिल्ली में कोरोना के केस बढ़ते जा रहे हैं। इस नेगेटिव दौर में दिल्ली सरकार ने राहत की खबर दी है। यानी दिल्ली-एनसीआर में कोरोना संक्रमण बढ़ने के बावजूद मेट्रो और बसों को 100 फीसदी क्षमता के साथ चलने की इजाजत दे दी है।

नई दिल्ली। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने नाइट कर्फ्यू और वीकेंड कर्फ्यू लगाया है। साथ ही लोगों की सुरक्षा के लिए कई और प्रतिबंध भी लगाए हैं। यह कर्फ्यू शुक्रवार रात से सोमवार सुबह तक रहेगा। इन प्रतिबंधों के बीच दिल्ली सरकार ने एक राहत की खबर दी है। सरकार ने मेट्रो और बसों को फिर से 100% सिटिंग कैपेसिटी के साथ चलने की इजाजत दे दी है। ऐसा इसलिए किया क्योंकि बीते हफ्ते कोरोना को काबू करने के लिए येलो अलर्ट जारी किया था। इसके तहत मेट्रो और बस को 50 फीसदी क्षमता के साथ चलने की ही इजाजत दी थी। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बताया कि यात्रियों की संख्या सीमित कर देने मेट्रो स्टेशन और बस स्टॉप पर भीड़ जुट रही थी। इससे इन जगहों का सुपर स्प्रेडर डर बनने का खतरा था। इसलिए मेट्रो और बस पर लगी इस पाबंदी को हटा दिया गया है।

क्या है गाइडलाइन

100 फीसदी सिटिंग कैपेसिटी को अलाउ करने का ये मतलब नहीं हुआ कि सफर अब पहले की तरह नॉर्मल हो जाएगा। इसके लिए अपनाना पड़ेंगे ये रूल्स।

  • यात्रियों को मास्क पहनना जरूरी होगा।
  • मेट्रो में सभी सीटों पर यात्री बैठ सकेंगे।
  • खड़े होकर यात्रा करने की इजाजत नहीं होगी।
  • बस में भी कोई यात्री खड़े होकर यात्रा नहीं कर पाएगा।
  • बसों में यात्री पिछले गेट से चढ़ेंगे और आगे के गेट से उतरेंगे।
  • मेट्रो और बस के अलावा अगर आप कैब, ऑटो, ई-रिक्शा, साइकल रिक्शा, फटफट सेवा जैसे ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं तो उसमें भी 2 ही यात्री बैठ सकते हैं।