एक ही नंबर का के ट्रक, ऐसे हो रहा है नगरनार संयंत्र से लोहे की चोरी

जगदलपुर। नगरनार स्टील संयंत्र में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की सुरक्षा व्यवस्था है। बावजूद इसके चोरों का गिरोह इतना शातिर है कि वे केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की तमाम व्यवस्था को धत्ता बताते हुए चोरी करने में सफल हो जा रहे हैं। इसको लेकर स्थानीय लोगों में भी रोष है और मुख्यमंत्री को भी इस आशय का पत्र लिखा गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, 7 दिसंबर, 2023 को सहायक प्रबंधक एन.एस.एल. नगरनार में रिपोर्ट दर्ज कराया की एन.एम.डी.सी. में धोखाधडी पूर्वक संयत्र से पिग आयरन एक नंबर प्लेट के दो ट्रक सी.जी. 04 एम.के. 9383, सी .जी . 04 एम 6058 में लगा कर  06 दिसंबर, 23 वाहनों मे पिग आयरन ओव्हर लोड किया गया है. उक्त रिपोर्ट पर फरार अज्ञात वाहन चालको के विरूद्ध थाना नगरनार में अपराध क्रमांक 236/2023 धारा 420 , 468, 471 भा.द.वि . कायम कर विवेचना में लिया गया । प्रकरण में विवेचना के दौरान दोनों गाड़ियों को जप्त कर फरार आरोपि यों का पता तलाश प्रारंभ किया गया जो पुलिस ने 02 अन्य गाड़ियों ट्रक क्रमांक UP-54-T-6746 को प्लांट के बाहर पार्किंग क्षेत्र से एवं UP-54-T-9057 प्लांट के अंदर से मुखबिर सूचना पर प्रकरण से संबंधित होने के का रण जप्त किया । 
प्रकरण में विवेचना के दौरान पिग आयरन लोडर (1) त्रिलोचन भाटा बोई पिता मधु भाटा बोई उम्र 33 वर्ष निवासी ग्राम केवड़ी थाना बोरीगुमा जिला कोरापुट उड़ीसा एवं सुपरवाइजर (2) बृजेश कुमार आलम पिता निमैया उम्र 34 वर्ष निवासी ग्राम लामनी थाना परपा जिला बस्तर छत्तीसगढ़ (3) ट्रक वाहन क्रमां क सी .जी . 04 एम.के. 9383 का मालिक अब्दुलब्दु हफीज पिता अब्दुलब्दु रफीक उम्र 25 वर्ष निवासी डोंडेखुर्द हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी रायपुर जिला रायपुर के स्वामी द्वारा घटना तीनो को घटना में संलिप्तता पाए जाने के कारण 12दिसंबर, 23 को गिरफ्तार किया गया। 
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस संयंत्र में जब सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की है, तो ऐसे में इस प्रकार की चोरी का होना बिना अंदर के कर्मचारियां मिलीभगत के संभव नहीं है। बस्तर के लोगों ने इसकी शिकायत कई बार की है। प्रारंभिक जांच में यह पता चला की संयंत्र के अधिशाषी निदेशक श्री के प्रवीण कुमार एवम कार्मिक विभाग की श्रीमती प्रियदर्शिनी जो की पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेहद करीबी हैं एवम इनकी मिलीभगत से रोजाना लगभग चार करोड़ रूपए लागत का इस्पात, संयंत्र से ट्रको के माध्यम से चोरी किया जाता रहा। हाल ही में इस आशय का पत्र राज्य के मुख्यमंत्री सहित अन्य विभागीय अधिकारियों को भी दिया गया है। जिसमें मांग की है कि इस प्रकार की घटनाओं पर अंकुश लगाया गया है।