एकता और अनुशासन से नहीं होगा समझौता, सोनिया गांधी ने सुनाई खरी-खरी

पार्टी मुख्यालय में हुई इस बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल तथा अन्य महासचिव, प्रभारी एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्ष शामिल हुए। यह बैठक कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में सदस्यता अभियान, महंगाई के मुद्दे पर जन-जागरण अभियान तथा संगठनात्मक चुनाव के तय किये गए कार्यक्रमों की पृष्ठभूमि में हुई है।

नई दिल्ली। राजधानी में कांग्रेस पार्टी के महासचिवों और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों की बैठक हुई। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी उपस्थित थे। मंच से सोनिया गांधी ने सीधे तौर पर सभी को संदेश दिया है कि पार्टी के अंदर एकता और अनुशासन का पालन करना होगा। इससे कतई समझौता नहीं होगा। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार की कई योजनाओं को लेकर खामियां बताई।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जोर देकर कहा, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी रोजाना विभिन्न मुद्दों पर महत्वपूर्ण और विस्तृत बयान जारी करती है। परंतु यह अनुभव किया गया है कि ब्लॉक और जिला स्तर के हमारे कार्यकर्ताओं तक यह नहीं पहुंचता। नीतिगत मुद्दे हैं जिन पर पर मुझे स्पष्टता एवं समन्वय के अभाव का पता चलता है तथा यह हमारे राज्य स्तर के नेताओं के बीच भी है।

सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘हमारा अपना इतिहास इस तथ्य का साक्षी है कि अगर अन्याय और असमानता के खिलाफ संगठन को सफल होना है, अगर कमजोरों के अधिकारों के लिए प्रभावी पैरोकार बनना है तो इसे जमीनी स्तर पर व्यापक आंदोलन का रूप लेना होगा।’’ उन्होंने पार्टी नेताओं से कहा, ‘‘आपको हमारे कार्यकर्ताओं को इस तरह प्रशिक्षित करना होगा कि वह भाजपा / आरएसएस की ओर से चलाए जा रहे दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार का मुकाबला कर सकें। आपको हमारे कार्यकर्ताओं को ऐसे भी प्रशिक्षित करना है कि वह कांग्रेस की विचारधारा को बरकरार रखते हुए, और आगे बढ़ाते हुए, लड़ाई लड़ें।’’

सोनिया ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘आने वाले महीनों में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इन राज्यों में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता और नेता कमर कस रहे हैं। हमारा चुनाव अभियान समाज के सभी तबकों के साथ चर्चा के बाद सामने आई ठोस नीतियों एवं कार्यक्रमों के आधार पर होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं फिर इस बात पर जोर देना चाहूंगी कि अनुशासन और एकजुटता की जरूरत है। आप और हम सबके लिए यह मायने रखता है कि संगठन मजबूत हो। यह व्यक्तिगत आकांक्षाओं से ऊपर होना चाहिए। इसी में सामूहिक और व्यक्तिगत दोनों सफलताएं निहित हैं।’’

पार्टी महासचिवों, प्रदेश प्रभारियों और प्रदेश अध्यक्षों की बैठक में उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा और पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि अगर लड़ाई जीतनी है तो जनता के समक्ष भाजपा तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘दुष्प्रचार’ एवं ‘झूठ’ को बेनकाब करना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमें भाजपा / आरएसएस के द्वेषपूर्ण दुष्प्रचार के खिलाफ लड़ना है। अगर यह लड़ाई जीतनी है तो हमें पूरे संकल्प के साथ यह करना होगा और जनता के समक्ष उनके झूठ को बेनकाब करना होगा।’’