लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से छत्तीसढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मोर्चा संभाले हुए हैं। लगातार पार्टी प्रत्याशियों के लिए वो प्रचार कर रहे हैं और राज्य के साथ केंद्र में भाजपा शासन व्यवस्था की आलोचना कर रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सत्तारूढ़ भाजपा पर किसानों से वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी नीत सरकार और भारतीय जनता पार्टी का ‘डीएनए ही किसान-मज़दूर विरोधी’ है।
यहां संवाददाता सम्मेलन में बघेल ने कहा कि मोदी सरकार और भाजपा ने अन्नदाता किसानों पर आघात किया है। मोदी ने 28 फ़रवरी, 2016 को बरेली में आयोजित एक रैली में देश के किसानों से वादा किया था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर देंगे। स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशें लागू करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘2022 आ गया है, आय तो दोगुनी नहीं हुई, दर्द सौ गुना जरूर हो गया है।’’
उन्होंने कहा, “किसानों की आय दोगुनी करना तो दूर, छह साल बाद मोदी सरकार ने सितंबर 2021 में एनएसएसओ की रिपोर्ट जारी कर बताया कि किसानों की औसत आय 27 रुपये प्रतिदिन रह गई है और औसत कर्ज़ बढ़कर 74 हजार रुपये प्रति किसान हो गया है।”
LIVE: Shri @bhupeshbaghel addresses the media in Lucknow, Uttar Pradesh.
https://t.co/48AeAqG7Vs— Congress (@INCIndia) January 19, 2022
इस मौके पर बघेल और कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने किसानों की ‘बदहाल’ स्थिति पर ’’आमदनी न हुई दोगुनी दर्द सौ गुना’’ शीर्षक का श्वेतपत्र जारी किया।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो आवारा पशुओं के संबंध में छत्तीसगढ़ मॉडल लागू किया जाएगा, किसानों से गोबर खरीदा जाएगा ताकि उनकी आमदनी बढ़ सके। वहीं, पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि आमदनी बढ़ाने का वादा करने वाली मोदी सरकार ने किसानों को आकंठ कर्ज में डुबो दिया है। भारत के 50.2 प्रतिशत किसान कर्ज में डूबे हुए हैं, जिनका प्रति परिवार औसत ऋण 74,121 रुपये है।