UP Cabinet 2022 : दिल्ली में हो रहा है मंथन, सरकार बनेगी यूपी में

उत्तर प्रदेश में सरकार गठन को लेकर दिल्ली में बैठकों का दौर जारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पसंद के साथ ही पूरी तरह से सामंजस्य बनाने की कोशिश की जा रही है। सरकार के पूर्व मंत्री और केंद्रीय संगठन के नेता लगातार बैठक कर रहे हैं। उसके बाद मंथन से जो नाम निकलकर आएगा, वही मंत्रि पद की शपथ लेंगे।

नई दिल्ली। होली के बाद कभी भी यूपी का नया मंत्रिमंडल बन जाएगा। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने मंत्रिमंडल के साथियों के लिए दिल्ली में केंद्रीय नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं। कई पुराने और कुछ पुराने चेहरों के साथ मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाना है। राज्य की राजनीति, केंद्र की मंशा और जनता की अपेक्षाओं पर इस सरकार को उतरना है। इसके लिए हर मंत्री पद पाने वाले व्यक्ति को लेकर दिल्ली में विमर्श चल रहा है।
सरकार गठन को लेकर यूपी के नेताओं की आज दिल्ली में बैठक होगी। इस बैठक में कार्यवाहक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे। बैठक के लिए यूपी बीजेपी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, संगठन मंत्री सुनील बंसल, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा मंगलवार को ही दिल्ली पहुंच चुके हैं। इसके साथ ही इस बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद रहेंगे।
दिल्ली में होने जा रही इस बैठक में यूपी प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और संगठन महामंत्री बी एल संतोष भी शामिल होंगे.
मुताबिक योगी आदित्यनाथ के दिल्ली दौरे ने तकरीबन उत्तर प्रदेश के नए मंत्रिमंडल की तस्वीर साफ कर दी है। सूत्र बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की शपथ के साथ में ही जिन मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी उसमें कई नाम चौंकाने वाले हो सकते हैं। इस बार योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में शुरुआती दौर में ही पूर्वांचल, बुंदेलखंड, अवध, पश्चिम और तराई का प्रतिनिधित्व वहां के जीते हुए विधायकों को मिल सकता है। जिन विधायकों को उत्तर प्रदेश में नए मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है, उसमें प्रमुख नाम सुरेश खन्ना, बेबी रानी मौर्य, श्रीकांत शर्मा, बृजेश पाठक, सतीश महाना, सिद्धार्थ नाथ सिंह, सूर्य प्रताप शाही, आशुतोष टंडन, अनुराग सिंह, असीम अरुण, राजेश्वर सिंह, आशीष पटेल, नंदकुमार नंदी और नितिन अग्रवाल का नाम फिलहाल तय माना जा रहा है। इसके अलावा अपना दल और निषाद पार्टी के जीते हुए विधायकों की मंत्रिमंडल में भागीदारी का अनुमान है।