UP News : अब सांसद नहीं, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष होंगे अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों की आज समाजवादी पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर बैठक हुई। श्री अखिलेश यादव को समाजवादी पार्टी विधायक दल और समाजवादी पार्टी विधानमंडल दल का नेता चुना गया।

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव शनिवार को सर्वसम्मति से उत्तर प्रदेश में पार्टी विधायक दल के नेता चुने गए। सपा की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रमुख नरेश उत्तर ने नवनिर्वाचित विधायकों की यहां पार्टी मुख्यालय में हुई पहली बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि अखिलेश यादव को पार्टी विधायक दल का नेता चुनाव गया है। इसके साथ ही वह राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाने को तैयार हैं।

एक जुलाई 1973 को सैफई में समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के पुत्र के रूप में जन्मे अखिलेश यादव ने बहुत कम उम्र में राजनीति में प्रवेश किया और 2000 में कन्नौज संसदीय क्षेत्र से लोकसभा का उपचुनाव जीतकर सांसद बने। हालिया सम्पन्न विधानसभा चुनाव में करहल सीट (मैनपुरी में) से 67 हजार मतों के अंतर से विजयी अखिलेश ने पिछले दिनों अपनी लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। वह पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े हैं।

अखिलेश यादव ने 2017 में कांग्रेस पार्टी से गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन मात्र 47 सीटें ही सपा को मिल सकी और कांग्रेस भी सात सीटों पर सिमट गई। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में यादव ने बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया और तब बसपा को 10 सीटों पर जीत मिली, लेकिन सपा को मात्र पांच सीटों पर ही संतोष करना पड़ा।

यादव ने बड़े दलों से गठबंधन कर असफलता का स्वाद चखने के बाद पहली बार छोटे-छोटे दलों से गठबंधन किया। उन्होंने इस बार विधानसभा चुनाव में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, अपना दल (कमेरावादी), महान दल, जनवादी सोशलिस्ट और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के साथ गठबंधन किया। ये सभी दल जातीय जनाधार रखने वाले नेताओं क्रमश: ओमप्रकाश राजभर, कृष्णा पटेल, डॉक्टर संजय चौहान और शिवपाल सिंह यादव की अगुवाई में उत्‍तर प्रदेश में सक्रिय हैं।

अति पिछड़े वर्ग के इन नेताओं को साथ जोड़ने के अलावा यादव ने योगी सरकार पर पिछड़ों की उपेक्षा का आरोप लगाकर मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले स्‍वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान और धर्म सिंह सैनी को भी सपा में शामिल किया।