देहरादून। सिनेमा में एक डायलॉग है – जो हारकर भी जीत जाए, उसे ही बाजीगर कहते हैं। इसके आधार पर बात की जाए, तो उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी बाजीगर बनकर निकले हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान भले ही वो अपने क्षेत्र खटीमा से चुनाव हार गए हों, लेकिन भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की उम्मीदों पर खरा उतरे। उत्तराखंड के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि इस तरह से किसी को मुख्यमंत्री बनाया गया हो। उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह ने पुष्कर सिंह धामी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
भाजपा को 70 सीटों में से 47 सीटें मिलीं हैं ,इस जीत के साथ ही भाजपा ने दोबारा से सत्ता में वापसी करने वाली पहली पार्टी बन गई है तो वहीं खटीमा से इस बार चुनाव हारने के बावजूद धामी फिर से मुख्यमंत्री बने हैं। जनरल बीसी खंडूड़ी के बाद दूसरे राजनेता हैं जिन्हें दूसरी बार उत्तराखंड के सीएम बनने का गौरव प्राप्त हुआ है।
राज्य के मनोनीत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शपथ ग्रहण से पहले देहरादून के गुरुद्वारा गोंविद नगर में माथा टेका। बता दें किलखनऊ विश्वविद्यालय से मानव संसाधन प्रबंधन और औद्योगिक संबंध में स्नानकोत्तर, स्नातक और एलएलबी करने वाले पुष्कर सिंह धामी का जन्म 16 सितंबर 1975 उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की डीडीहाट तहसील के एक गांव में हुआ था। उनके पिता सेना में सूबेदार रह चुके हैं।
BJP's Pushkar Singh Dhami takes oath as the Chief Minister of Uttarakhand, in Dehradun. pic.twitter.com/JpG0dBvnmX
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 23, 2022
उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी ने दोबारा मुख्यमंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में 25000 आगंतुकों के लिए कुर्सियां लगाई गई। शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी, गृहमंत्री समेत कई केंद्रीय मंत्रियों के शामिल होने के चलते सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। राज्य के मनोनीत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा और गोवा के मनोनीत मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत देहरादून पहुंचे।
पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले ही राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हरीश रावत ने उन्हें अपनी शुभकामनाएं दीं। टिवटर पर हरीश रावत ने लिखा है कि इस बार लंका विजय के समय हमारे हनुमान, रावण के कक्ष में बैठ गए, फिर भी कोई बात नहीं, वो आगे बढ़ें,मंत्री बनें हमारी कामना है, फिर मुख्यमंत्री बनें और हनुमान हैं संजीवनी लाना उनका स्वभाव है, वनाधिकार की संजीवनी उत्तराखंड के लिए लेकर के आएं इसके लिए मेरी शुभकामनाएं हैं।
इस बार लंका विजय के समय हमारे हनुमान, रावण के कक्ष में बैठ गए, फिर भी कोई बात नहीं, वो आगे बढ़ें,मंत्री बनें हमारी कामना है, फिर मुख्यमंत्री बनें और हनुमान हैं संजीवनी लाना उनका स्वभाव है, वनाधिकार की संजीवनी उत्तराखंड के लिए लेकर के आएं इसके लिए मेरी शुभकामनाएं हैं।#uttarakhand
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) March 23, 2022