कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election 2021) के दूसरे चरण में नंदीग्राम (Nandigram) विधानसभा को लेकर मामला गरमा गया है। वहां गुरुवार को हुए मतदान में हिंसा की खबरें भी आईं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की नंदीग्राम (Nandigram) से उम्मीदवार ममता बनर्जी (Mamta Banarjee) पूरे दिन नंदीग्राम रहीं। हिंसा की खबरों के बीच कई मतदान केंद्रों पर भी गईं। यहां से भाजपा उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी (Subhendu Adhikari) भी लगातार मतदान केंद्रों का दौरा करते रहे।
नंदीग्राम (Nandigram) से भाजपा उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी (Subhendu Adhikari) ने कहा कि ममता बनर्जी (Mamta Banarjee) पोलिंग बूथ पर जाकर बैठ गई हैं यह उनका राजनीतिक दिवालियापन को दर्शाता है और वे नाटक कर रही हैं। उनकी राजनीतिक जमीन खिसक रही है। ममता बनर्जी वोटर का अपमान कर रही हैं। नंदीग्राम (Nandigram) के कमालपुर में बूथ संख्या 170 के पास मीडिया कर्मियों की गाड़ियों पर हमला हुआ। शुवेंदु अधिकारी ने कहा, “ये जंगलराज है। मीडिया हमारे देश का स्तंभ है, ये पूरे देश को देखना चाहिए।”
वहीं, एक चुनावी सभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि दीदी की समस्या क्या है, वो ये पूरा क्षेत्र जानता है, ये सुंदरबन का इलाका जानता है। घुसपैठियों को खुश करने के लिए दीदी बंगाल के लोगों को भूल गईं। यहां उन्नयन के नाम पर उन्होंने 10 साल में क्या किया, इसका कोई ठोस जवाब दीदी के पास नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ममता दीदी को जय श्रीराम के आह्वान से दिक्कत है, दुर्गा जी की प्रतिमा के विसर्जन से दिक्कत रही है, ये पूरा बंगाल पहले से जानता है। लेकिन अब दीदी को तिलक से दिक्कत है। अब दीदी को भगवावस्त्र से दिक्कत है और तो और अब दीदी के लोग चोटी रखने वालों को राक्षस कहने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि ममता दीदी जिस तरह यूपी और बिहार के लोगों के खिलाफ दुश्मनी की भाषा बोल रही हैं, वो उनकी राजनीतिक समझ पर सवाल पैदा कर रहा है। दीदी आप ये भूल रही हैं कि आपने सीएम के नाते संविधान की शपथ ली हुई है। भारत का संविधान आपको इसकी इजाजत नहीं देता कि आप दूसरे राज्यों का इस तरह अपमान करें। पहले चरण की वोटिंग होने के बाद दीदी की बौखलाहट और बढ़ गई है। कल ही दीदी ने देश के कई नेताओं को संदेश भेजकर मदद की अपील की है। जो लोग दीदी की नजर में बाहरी हैं, टूरिस्ट हैं, जिन्हें वो कभी मिलने तक का समय नहीं देती थीं, अब उनसे समर्थन मांग रही हैं।