किसका गेम खराब कर रहे हैं प्रकाश आंबेडकर ?

 

नई दिल्ली। वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत टूटने के बाद महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन के खिलाफ तीसरा मोर्चा बनाने का संकेत दिया है। अंबेडकर ने कहा कि हम भाजपा से मुकाबला करने के लिए राज्य में विभिन्न संगठनों के साथ जुड़ेंगे। हमारी अगली योजना 2 अप्रैल को चर्चा के बाद घोषित की जाएगी। अंबेडकर ने कहा कि लोकसभा चुनाव को लेकर मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारांगे पाटिल के साथ उनकी बैठक हुई थी और वह प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र से मराठा उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के इच्छुक थे। उन्होंने कहा, वीबीए की उम्मीदवार सूची को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा।

एमवीए नेताओं के साथ चर्चा के संबंध में अंबेडकर ने स्पष्ट किया कि हालांकि पार्टी को बैठकों में आमंत्रित नहीं किया गया था, लेकिन उसके दरवाजे खुले रहेंगे। अंबेडकर ने शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत पर एमवीए के भीतर कलह पैदा करने का आरोप लगाया, यहां तक ​​​​कि उन्होंने भाजपा के खिलाफ एकजुट होने के अपने लक्ष्य पर भी जोर दिया। इस बीच, संजय राउत ने कहा कि वीबीए को अकोला सहित पांच सीटों की पेशकश की गई थी। राउत ने स्पष्ट किया कि अंबेडकर ने एमवीए के साथ चर्चा की थी, न कि व्यक्तिगत रूप से। अब खत्म हो चुकी शराब नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रकाश अंबेडकर ने इसकी वैधता पर चिंता जताई। उन्होंने तर्क दिया कि शराब नीति पर केजरीवाल की गिरफ्तारी, कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय, अदालत के अधिकार क्षेत्र से बाहर था।

अंबेडकर ने सुप्रीम कोर्ट से यह निर्धारित करने का आग्रह किया कि क्या न्यायपालिका कैबिनेट के फैसलों पर फैसला दे सकती है और क्या जांच एजेंसियों के पास उनकी जांच करने का अधिकार है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सुप्रीम कोर्ट को विधानसभा की कार्यवाही में हस्तक्षेप करने से बचना चाहिए। अम्बेडकर ने कैबिनेट निर्णयों पर सवाल उठाने में लोक लेखा समिति (पीएसी) की भूमिका पर प्रकाश डाला।