Jharkhand सीएम हेमंत सोरेन पर डीजीपी को लेकर क्यों हमलावार हैं सांसद निशिकांत दुबे

झारखंड में डीजीपी को लेकर दोबारा से मंथन शुरू हुआ है। डीजीपी नीरज सिन्हा के कार्यकाल में अपराध की घटनाएं बढी हैं। सांसद निशिकांत दुबे ने मोर्चा खोल दिया है। सीएम हेमंत सोरेन अपनी सुनें या सलाहकारों की, यही दुविधा उनकी राजनीतिक को कुंद कर रही है।

नई दिल्ली। जब से झारखंड मुख्यमंत्री की कुर्सी पर हेमंत सोरेन (Hemant Soren) आए हैं, तभी से राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) पद को लेकर रस्साकशी जारी है। गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) लगातार पुलिस महानिदेशक यानी डीजीपी (DGP) की नियुक्ति और कार्यशैली को लेकर सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) से सवाल करते आ रहे हैं। अब तो उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मांग की है कि धारा 355 में कार्रवाई की जाए, क्योंकि झारखंड सरकार संघलोक सेवा आयोग की पैनल को नहीं मानती।

बता दें कि वर्तमान में नीरज सिन्हा की नियुक्ति मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एमवी राव को हटाकर किया। एमवी राव को केएन चैबे के स्थान पर पुलिस महानिदेशक का प्रभार दिया गया था। निर्धारित कानूनों के तहत उनकी नियुक्ति नहीं दी गई थी। जब नियुक्ति की बारी आने वाली थी, तो संघ लोक सेवा आयोग का हवाला देकर उन्हें पद से हटाया गया।जब की राज्य सरकार के तरफ से UPSC को एक पैनल भेजा गया था जिस पर फैसला होना था उसके पहले ही एम वी राव को हटा दिया गया उसके बाद नीरज सिन्हा की नियुक्ति कर दी गई। उस समय भी सांसद निशिकंत दुबे ने हेमंत सरकार की कार्यशैली को लेकर टिप्पणी की थी और डीजीपी एमवी राव को लेकर बात कही।

सांसद निशिकांत दुबे जिस प्रकार से सीएम हेमंत सोरेन पर राज्य की पुलिस व्यवस्था सहित पुलिस महानिदेशक को लेकर हमला कर रहे हैं, उससे हेमंत सोरेन भी परेशान हैं। उनके सामने विकल्प नजर नहीं आ रहा है।

सूत्रों का कहना है कि जिस प्रकार से नीरज सिन्हा की नियुक्ति में मुख्यमंत्री ने संघ लोक सेवा आयोग की अनदेखी की, उससे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह नाराज हैं। हाल ही में जब हेमंत सोरेन दिल्ली आए थे, तो उन्होंने कोशिश की थी कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से औपचारिक मुलाकात हो, लेकिन समय नहीं मिला। इसके पीछे एक कारण डीजीपी की नियुक्ति भी रहा है।

अब एक बार फिर सांसद निशिकांत दुबे ने मोर्चा खोल दिया है। 29 जून को ट्विट किया है और केंद्रीय कार्मिक विभाग सहित केंद्रीय गृहमंत्रालय, केंद्रीय गृहमंत्री से आग्रह किया है कि संघ लोक सेवा आयोग नियमों के तहत झारखंड को आईपीएस अधिकारियों का पैनल दें, उसमें से मुख्यमंत्री चयन करें।